तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : ” केऊ खाबे , केऊ खाबे ना, एई टा कोखोनो होते पारे ना ” ( कोई खाए, कोई रहे भूखा, ये हो नहीं सकता। इस पवित्र भावना के साथ शुरू की गई श्रमजीवी कैंटीन के सौ दिन पूरे होने पर शुक्रवार को जंगल महल के झाड़ग्राम में रैली निकाली गई। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित नेताओं में कामरेड विप्लव भट , सतरुप घोष, मंदाकांत सेन , अयूब अली तथा सैकत गिरि आदि शामिल रहे। कोरोना काल और लॉक डाउन के मद्देनजर श्रमजीवी मजदूरों के हालात को देखते हुए करीब तीन महीने पहले झाड़ग्राम रेलवे स्टेशन के पास इस कैंटीन को खोला गया। कामरेड स्व. प्रदीप मित्रा व कामरेड स्व . प्रत्युष रंजन सिन्हा की स्मृति में खोले गए इस कैंटीन का उद्घाटन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव कामरेड सपन बनर्जी और फिल्म अभिनेता बादशाह मित्रा ने किया था।
इस कैंटीन में २० रुपये में भोजन दिया जाता है । स्थानीय लोगों की सहायता से रोज के खाने में भात – दाल के साथ कभी चिकन तो कभी अंडा वगैरह दिया जाता है। इसके सौ दिन पूरे होने पर शहर में रैली निकाली गई । अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि महामारी की स्थिति में कोई भूखा न रहे , इसी भावना के साथ कैंटीन शुरू की गई । देखते ही देखते परिसेवा के सौ दिन पूरे हो गए।