रेलवे में कायम रहेगी डीजल इंजन की उपयोगिता

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : भारतीय रेलवे में बड़ी तेजी से रेल मार्गों का विद्युतीकरण हो रहा है । इसके बावजूद दुर्गम इलाकों और प्राकृतिक आपदा की परिस्थितियों में डीजल इंजन की उपयोगिता व प्रासंगिकता बनी रहेगी । औद्योगिक उपक्रमों के माल यातायात के लिए भी डीजल इंजन अत्यंत उपयोगी है ।
खड़गपुर रेलवे वर्कशॉप के डीजल पी ओ एच शॉप में आयोजित ग्राहक सम्मेलन का कमोबेश यही लब्बोलुआब रहा । इस सम्मेलन में पूर्वी भारत के अनेक वाणिज्यिक व सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। दक्षिण पूर्व रेलवे के परिसिंपल मुख्य मैकेनिकल इंजीनियर पीके मंडल ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।

डिपुटी चीफ मैकेनिकल इंजीनियर ( डीजल ) प्रताप नारायण भट्टाचार्य ने संयोजन और संचालन किया । जबकि चीफ वर्क्स मैनेजर खड़गपुर वर्क शॉप बीके रथ ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि सशरीर और वर्चुअल तरीके से उपस्थित रहे। इस तरह पहली बार खड़गपुर रेलवे वर्कशॉप में कोई सम्मेलन वर्चुअल तरीके से आयोजित हुआ। सम्मेलन में बोलते हुए अधिकारियों ने कहा कि स्टीम इंजन की जगह डीजल इंजन का उपयोग 1930 से शुरू हुआ । 50 के दशक तक डीजल इंजन ने पूरी तरह से स्टीम इंजन की जगह ले ली। भारत में डीजल इंजन का उपयोग 60 के दशक में शुरू हुआ।

फिलहाल महकमे में इलेक्ट्रिक इंजनों का आधिपत्य है। लेकिन इससे डीजल इंजनों की उपयोगिता कम नहीं हो जाती। खास तौर से दुर्गम इलाकों और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में डीजल इंजन का कोई विकल्प नहीं है। सार्वजनिक और औद्योगिक संस्थान भी माल परिवहन के लिए डीजल इंजनों का उपयोग करते हैं। खड़गपुर वर्कशॉप में डीजल इंजनों की ओवर हॉलिंग की जाती है। प्रतिनिधियों से जानने की कोशिश की गई कि इस मामले में उनकी समस्याएं क्या है। लागत कम करने पर भी मंथन हुआ। अधिकारियों ने सम्मेलन को काफी लाभदायक और सकारात्मक बताया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × two =