नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 32वें दिन भी जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “कल की बैठक में अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हम प्रदर्शन करते रहेंगे, हम पीछे नहीं हटेंगे। अगर कानूनों की वापसी होगी तो हम घर जाएंगे वरना नहीं जाएंगे।”
केंद्र सरकार ने एक बार फिर 30 दिसंबर को किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया, लेकिन किसान कांग्रेस ने सोमवार को मांग की कि अगर इन कानूनों को निरस्त नहीं किया गया तो वह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि कड़ाके की सर्दी में हजारों किसान दिल्ली सीमा पर जमा हो गए हैं और पिछले एक महीने में हमारे 40 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार जो कॉरपोरेट्स की कठपुतली बन गई है, वह अपने काले कानूनों को वापस नहीं लेने के लिए कृतसंकल्प है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी टेलीविजन पर आते हैं, लेकिन किसानों की मांगों पर कुछ नहीं बोलते।
उन्होंने कहा कि इस सरकार की आत्मा मर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने फायदे के लिए देश के लोकतंत्र को अपने कुछ दोस्तों के पास गिरवी रख दिया है। सोलंकी ने मरने वाले किसानों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की भी मांग की।