नयी दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि असम ने सदियों के दौरान सद्भावपूर्ण सह-अस्तित्व का सटीक उदाहरण कायम किया है और वह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच ‘एकता का प्रतीक’ रहा है जो वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव से प्रेरित अजान पीर द्वारा लोकप्रिय बनाये गये गये भक्तिपूर्ण जिकिर गीतों से परिलक्षित होता है। सोनोवाल ने ‘‘द आईडेंटिटी कोशेंट: द स्टोरी ऑफ असमीज मुस्लिम’’ नामक एक नयी पुस्तक की प्रस्तावना में यह टिप्पणी की है। यह पुस्तक पत्रकार जाफरी मुदस्सिर नोफिल ने लिखी है और हर-आनंद प्रकाशन ने प्रकाशित की है।
सोनोवाल ने कहा, ‘‘असम ने सदियों के दौरान सद्भावपूर्ण सह अस्तित्व का सटीक उदाहरण कायम किया है। यह राज्य हिंदुओं और मुसलमानों के बीच ‘एकता का प्रतीक’ रहा है जो हिंदू-मुस्लिम मित्रता के अंतर्संबंध से स्पष्ट होता है।’’
श्रीमंत शंकरदेव से प्रेरित अजान पीर के जिकिर और जारी निश्चित रूप से उसी तरह धर्मनिरपेक्ष संदेश के पाठ पढ़ाते हैं जिस तरह डॉ. भूपेन हजारिका के गीत धर्मों और मानवता के बीच समानता, शांति और एकता के संदेश देते हैं। ’’
दरअअसल जिकिर और जारी, अजान पीर के असमिया भाषा के मुस्लिम भक्ति गीत हैं। अजान पीर असम के आध्यात्मिक आदर्श और सार्वभौमिक भाईचारे के प्रतीक बन गये। वह श्रीमंत शंकरदेव से प्रेरित थे और समाज में एकता का सेतु कायम करने में सफल रहे। यह पुस्तक असमी मुसलमानों की कहानी बयां करती है और मध्यकाल से उनकी वंशावली खंगालती है जब मुस्लिम शासकों एवं जनरलों ने इस क्षेत्र पर हमला किया था।