चेन्नई: उत्तर भारत में जहां एक ओर ठंड की दस्तक हो गई है, वहीं, दक्षिण भारत के कुछ प्रदेशों में भारी वर्षा के चलते जीवन अस्त-व्यस्त है। तमिलनाडु में बीते कुछ दिनों से हो रही वर्षा लोगों के लिए आफत बनती जा रही है। कई स्थानों पर भूस्खलन हो रहा है, पानी भर रहा है। भारी वर्षा के चलते कुछ क्षेत्रों में स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।
नीलगिरी जिले में कुन्नूर-मेट्टुपालयम राष्ट्रीय राजमार्ग एवं कोठागिरी-मेट्टुपालयम राजमार्ग में 10 अलग-अलग स्थानों पर भूस्खलन की खबरें सामने आईं। इन 10 स्थानों पर मरम्मत का कार्य चल रहा है। वहीं, नीलगिरी जिला कलेक्टर एम। अरुणा ने कुन्नूर एवं कोटागिरी के सभी प्राइवेट और सरकारी विद्यालयों में आज यानी 24 नवंबर को अवकाश घोषित कर दिया है।
वही भारी बारिश के चलते प्रदेश के तूतीकोरिन में कई क्षेत्रों में जलजमाव की परेशानी सामने आ रही है। जगह-जगह पानी भर जाने की वजह से मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ गया है जिसको देखते हुए तूतीकोरिन निगम मच्छरों को भगाने के लिए छिड़काव करवा रही है।
बीते 24 घंटों में, कोयंबटूर जिले के मेट्टुआपालयम में सीजन की सबसे भारी वर्षा (37 सेमी) दर्ज हुई। कोयंबटूर के कई हिस्से जलभराव से प्रभावित हुए हैं, शुक्रवार को जिस वजह से कपड़ा राजधानी में लंबा ट्रैफिक जाम लगा। भारी वर्षा की वजह से रामनाथपुरम सिग्नल के पास सड़क पर बारिश का पानी जमा हो गया है।