बंगाल राशन वितरण भ्रष्टाचार फर्जी कंपनियों के जरिए 55 करोड़ का हेरफेर

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कथित घोटाले की आय से जुड़ी 55 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का ट्रांसफर पता लगाने में सक्षम रहा है। इस मामले में गिरफ्तार बकीबुर रहमान से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है। कोलकाता में रहने वाले व्यवसायी रहमान ने छह फर्जी संस्थाओं के जरिए फंड डायवर्ट किया।

मामले के घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि रहमान ने इन छह फर्जी संस्थाओं के माध्यम से जो राशि निकाली वह 55 करोड़ 50 लाख 77 हजार 550 रुपये है। ईडी ने इन फर्जी संस्थाओं में से प्रत्येक के माध्यम से डायवर्ट की गई रकम के ब्यौरे का भी पता लगाया है। अधिकतम फंड लगभग 14.13 करोड़ रुपये का एक कपड़ा और परिधान व्यापार इकाई के माध्यम से डायवर्ट किया गया था।

घोटाले की लगभग 23 करोड़ रुपये की रकम को तीन फर्जी कॉर्पोरेट संस्थाओं, श्री हनुमान रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड, ग्रेसियस इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड और ग्रेसियस क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए डायवर्ट किया गया था। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार, जबकि श्री हनुमान रियलकॉन की वर्तमान स्थिति भंग हो गई है, अन्य दो संस्थाओं की स्थिति परिसमापन की प्रक्रिया में दिखाई गई है।

इसके बाद एक चावल-मिल आती है जहां ईडी के अधिकारियों द्वारा पहचाने गए फंड डायवर्जन की राशि 10.31 करोड़ रुपये थी। 3.10 करोड़ रुपये से कुछ अधिक की तुलनात्मक रूप से छोटी राशि एक रियल एस्टेट प्रमोशन इकाई के माध्यम से डायवर्ट की गई थी।

इन सभी छह संस्थाओं से जुड़े बैंक खातों की जांच करने के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने देखा कि भारी मात्रा में ट्रांसफर कुछ घंटों या मिनटों के भीतर हुआ।  सूत्रों ने कहा कि इनमें से कुछ इकाइयां सीधे रहमान द्वारा स्थापित की गई थीं, कुछ को उनके मालिकों से खरीदा गया था। दोनों मामलों में रहमान ने अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों को संस्थाओं का निदेशक या भागीदार बनाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − nine =