नई दिल्ली: रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) के लिफ्ट का वायरल वीडियो कई लोगों को सच लग सकता है, क्योंकि इसके पीछे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी उन्नत तकनीक काम कर रही है। तकनीक के दुरुपयोग का यह मामला बताता है कि अगर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल को नियम-कायदों के दायरे में नहीं लाया गया, तो यह इंसानी जीवन को कितना नुकसान पहुंचा सकता है।
इससे लोगों की गोपनीयता तो छिन ही जाएगी, बल्कि देश की सुरक्षा भी दांव पर लग जाएगी। अमिताभ बच्चन का रश्मिका मंदाना के फर्जी वायरल वीडियो पर नाराजगी जताना बातता है कि आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस का दुरुपयोग कितना गंभीर मुद्दा है, जिसके जोखिमों को समझने और उनके निवारण के लिए ब्रिटेन में शिखर सम्मेलन हुआ था जिसमें दुनियाभर के बड़े नेता एकत्रित हुए थे।
बहरहाल, रश्मिका मंदाना भी डीपफेक वीडियो से आहत हुई हुई हैं। उन्होंने ट्वीट करके अपना दुख और नाराजगी जताई औ कड़ा एक्शन लेने की मांग की। रश्मिका मंदाना ने प्लेटफॉर्म ‘x’ पर लिखा, ‘मुझे यह बताते हुए वाकई में दुख हो रहा है कि मेरा डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
🚨 There is an urgent need for a legal and regulatory framework to deal with deepfake in India.
You might have seen this viral video of actress Rashmika Mandanna on Instagram. But wait, this is a deepfake video of Zara Patel.
This thread contains the actual video. (1/3) pic.twitter.com/SidP1Xa4sT
— Abhishek (@AbhishekSay) November 5, 2023
यह कुछ ऐसा है जो मेरे लिए ही डरावना नहीं है, बल्कि हम में से हर किसी के लिए नुकसानदेह है, क्योंकि यहां तकनीक का गलत इस्तेमाल हो रहा है।’ वायरल वीडियो में असल में एक भारतीय मूल की ब्रिटिश महिला लिफ्ट में काली ड्रेस में हैं, जिनके चेहरे को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से एडिट किया गया और उसकी जगह रश्मिका मंदाना का चेहरा लगाया गया।
रश्मिका मंदाना ने आगे लिखा, ‘आज, एक महिला और एक्ट्रेस होने के नाते, मैं अपने परिवार, दोस्तों और शुभ चिंतकों की आभारी हूं जो मेरा बचाव करते हैं और मुझे सपोर्ट करते हैं। अगर ऐसा तब हुआ होता, जब मैं स्कूल या कॉलेज में होती, तो मैं नहीं जानती कि इसका सामना कैसे करती। पहचान की इस हेरा फेरी से कई लोग प्रभावित हों, उससे पहले हमें एक समाज के तौर पर इसका शीघ्रता से निवारण करना होगा।’