कोलकाता। मस्ती की नगरी कोलकाता में दुर्गा पूजा घूमने वालों का जनसैलाब चतुर्थी यानी बुधवार रात से ही उमड़ गई है। लाखों की संख्या में लोग अपने अपने परिजनों, दोस्तों रिश्तेदारों और साथी- मित्रों के साथ कोलकाता में विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों को घूमने के लिए पहुंच गए हैं। इस साल मोहम्मद अली पार्क, भूकैलाश, तारा सुंदरी पार्क, भवानीपुर 75 पल्ली, सुरुचि संघ, श्री भूमि पूजा कमेटी, एकडलिया पूजा क्लब समेत साल्ट लेक कई पूजा आयोजकों की ओर से बड़े पैमाने पर भव्य दुर्गा पूजा पंडाल बनाया गया है।
इन्हें देखने के लिए वैसे तो तृतीया से ही लोग कोलकाता पहुंचने लगे थे लेकिन बुधवार यानी चतुर्थी की रात से पूरी जनसैलाब से पटी पड़ी है। इस बीच लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने भी पहले से ही काफी सतर्कता बरती है। कोलकाता के राजपथ यानी रेड रोड से लेकर सभी प्रमुख सड़कों को पुलिस ने दोनों ओर से 10-10 फीट लकड़ी से घेरकर एक अलग गलियारा तैयार किया है जिसमें घूस कर पूजा घूमने वाले पंडालों तक पहुंचेंगे और पंडालों के निकासी द्वार से निकल कर इन्हीं गलियारों से राजधानी के दूसरे क्षेत्रों में बने पूजा पंडालों तक पहुंचेंगे।
पुलिस की इस विशेष व्यवस्था की वजह से सड़क का एक बड़ा हिस्सा लोगों की भीड़ से मुक्त होने की वजह से कोलकाता में यातायात सामान्य है। इस भीड़ के बीच जेब कतरो की भी चांदी हो गई है। बड़े पैमाने पर लोगों की जेब पर हाथ साफ करने के लिए पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से पड़ोसी राज्यों से भी चोर कोलकाता पहुंच चुके हैं। हालांकि इन्हें गिरफ्तार करने के लिए हावड़ा और कोलकाता पुलिस की खुफिया टीम ने एक दूसरे के साथ मिलकर समन्वय बनाया है।
आपदा प्रबंधन, नगर निगम और सिविक वॉलिंटियरों की टीम भी लोगों को व्यवस्थित तरीके से राजधानी में पूजा घूमने में मदद कर रही हैं। कोलकाता में कमोबेश तीन हजार से अधिक पूजा पंडालों के बने होने के कारण पूरी राजधानी रोशनी से नहाई है। इधर चप्पे-चप्पे पर महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों की टीम तैनात भी है और गश्ती भी लगा रही है। भीड़ के बीच हुड़दंग मचाने वालों पर पुलिस ने तो नजर रखी ही है साथ ही पूजा आयोजकों की ओर से भी स्वयंसेवकों का गठन किया गया है जो पुलिस के साथ सामंजस्य बनाकर लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें सुरक्षित पंडाल में घुसाने और निकालने के लिए काम कर रहे हैं।
इस साल राजधानी में बड़े पैमाने पर थीम आधारित पूजा का आयोजन किया गया है। कहीं पर्यावरण संरक्षण तो कहीं मानवीय एकता, कहीं समृद्ध इतिहास के पहलुओं को उकेरा गया है तो कहीं संसार के एक से बढ़कर एक भौगोलिक दृश्यों को मूर्त रूप दिया गया है। महानगर के कांकुड़गाछी इलाके में तो पिछले साल संपन्न हुए विधानसभा चुनाव बाद हुई हिंसा में लोगों की हत्या और दुष्कर्म को सांकेतिक तरीके से प्रदर्शित किया गया है। इन्हें देखने के लिए उमड़े लोगों का जनसैलाब चतुर्थी से लेकर दशमी की सुबह तक कोलकाता में उमड़ा रहेगा।