नई दिल्ली। 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार नरगिस मोहम्मदी को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की उनकी लड़ाई के लिए दिया गया। बता दे की नरगिस मोहम्मदी को सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।51 साल की नरगिस अब भी ईरान की जेल में कैद हैं। उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है।
नोबेल पुरस्कार विजेता चुनने वाली कमेटी के अनुसार, नरगिस मोहम्मदी ने ईरान में महिलाओं के दमन के ख़िलाफ़ कई लड़ाई लड़ी और देश में सबके मानवाधिकार, आज़ादी के लिए संघर्ष करती रही हैं।ओस्लो में नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी की प्रमुख बेरिट रीस-एंडर्सन ने कहा, “ईरानी सरकार ने उन्हें 13 बार गिरफ़्तार किया, पांच बार दोषी ठहराया गया और 31 साल जेल की सज़ा सुनाई गई।
अभी भी वो जेल में हैं। नरगिस मोहम्मदी को शांति पुरस्कार देने का नोबेल कमेटी का ये फैसला देश में महिलाओं के शुरू किए गए आज़ादी के आंदोलनों के एक साल बाद आया है। बीते साल सितम्बर 2022 में 22 साल की महशा अमीनी की मॉरल पुलिस की हिरासत में मौत के बाद ये आंदोलन शुरू हुए थे।
जल्द ही पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन फैल गए और औरतों की आज़ादी से लेकर सत्ता पलटने तक की मांग सामने आई।महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से बाल कटवाए और हेड स्कार्फ़ की होली जलाई. प्रदर्शनकारियों ने “महिलाएं, ज़िंदगी, आज़ादी” के नारे लगाए।