कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने आदेश दिया है कि भ्रष्टाचार के सिलसिले में केंद्रीय एजेंसियां फिलहाल अभिषेक को गिरफ्तार नहीं कर पाएंगी। हालांकि उनके खिलाफ जांच जारी रहेगी। अभिषेक को भी जांच में सहयोग करने को कहा गया है। अभिषेक ने याचिका लगाकर इस मामले में ईडी की ओर से अपने खिलाफ दर्ज की गई रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की गई थी।
इस पर सुनवाई पूरी हो गई थी। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जब मामले की जांच इतने महत्वपूर्ण मोड़ पर है तो ईडी की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता। इसलिए फिलहाल इस संबंध में निर्देश नहीं दिया जाएगा। उल्लेखनीय है की नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए कालीघाट वाले काकू यानि सुजय कृष्ण भद्र जिस कंपनी के लिए काम करते थे उसी कंपनी के निदेशक अभिषेक बनर्जी हैं।
इस कंपनी के अकाउंट में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है और मनी डाइवर्ट की गई है। इस सिलसिले में अभिषेक बनर्जी से पांच बार पूछताछ हो चुकी है। इसके बाद अभिषेक ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी और अपने खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने की मांग की थी।
इसके पहले इसी मामले में गिरफ्तार निष्कासित युवा तृणमूल नेता कुंतल घोष ने दावा किया था की नियुक्ति भ्रष्टाचार के सिलसिले में अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दबाव केंद्रीय एजेंसियां उन पर बना रही हैं। ईडी ने न्यायालय में दाखिल अपनी चार्जशीट में कहा है की अवैध तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कालीघाट वाले काकू अभिषेक बनर्जी का निर्देश लेकर इसी मामले में गिरफ्तार प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के पास जाते थे।