बंगाल में हिंसा पर गौर करने के लिए संविधान में प्रावधान हैं : बाबुल सुप्रियो

कोलकाता : बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर दोलों दलों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। इनमें सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाया कि बंगाल में भाजपा के 130 से अधिक कार्यकर्ता मारे गए हैं। उन्होंने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा, “तृणमूल कांग्रेस को अपने तरीकों में सुधार लाना चाहिए।

चुनाव में कुछ ही महीने रह गए हैं। अगर तृणमूल सदस्यों को लगता है कि वे मतदाताओं को डरा सकते हैं और राजनीतिक हिंसा में लिप्त रह सकते हैं, तो संविधान में ऐसी चीजों का ध्यान रखने के लिए प्रावधान हैं।” तृणमूल कांग्रेस को अपने तरीकों में सुधार लाना चाहिए और “मतदाताओं को डराने-धमकाने’’ से परहेज करना चाहिए, अन्यथा ऐसी चीजों पर गौर करने के लिए संविधान में प्रावधान हैं।

सुप्रियो ने दावा किया कि राज्य के लोगों ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने का मन बना लिया है। चुनाव के अगले साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि जिन लोगों ने सरकार में लाने के लिए तृणमूल को वोट दिया, वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से मौजूदा सरकार को हटाएं।’’

वही, तृणमूल ने कहा कि भाजपा नेता राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की ओर पर इशारा कर रहे हैं। तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा, “अगर वह बंगाल में अनुच्छेद 356 लागू करने की बात कर रहे थे, तो उन्हें सबसे पहले उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की बात करनी चाहिए, जहां कानून का शासन समाप्त हो गया है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

14 − 7 =