नयी दिल्ली। महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम को समर्थन देते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने लोकसभा में लंबे अर्से बाद भाषण दिया। उन्होंने ने कहा कि ये मेरे साथी राजीव गांधी का ये सपना था, लेकिन मैं सरकार से जानना चाहती हूं कि महिलाओं को इसके लिए कितना लंबा इँतज़ार करना होगा? मैं नारी शक्ति वंदन अधिनियम के समर्थन में बोल रही हूं, महिला ने असीम धीरज के साथ खुद को हारते हुए लेकिन आखिरी बाज़ी में जीतते हुए देखा।
भारत की स्त्री के हृदय में सागर सा धीरज है, उसने अपने साथ हुई बेइमानी की शिकायत नहीं की। वो हिमायल की तरह अदृतीय रही, वो आराम को नहीं पहचानती और थक जाना भी नहीं जानती। स्त्री ने हमें सिर्फ़ जन्म नहीं दिया उसने हमें सोचने लायक और शक्तिशाली बनाया है। हम स्त्री के त्याग को पहचान कर ही मनुष्य होने को सफल बना सकते है।
वो घर-गृहस्थी के तले नहीं दबी और आज़ादी की लड़ाई लड़ी। सरोजनी नायडू से लेकर अरुणा आसफ़ अली तक ने महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू और आंबेडकर के सपने को हकीकत बनाया। इंदिरा गांधी का योगदान इसमें बेहद महत्वपूर्ण रहा। ये मेरे लिए मार्मिक क्षण है, मेरे जीवनसाथी राजीव गाँधी का ये सपना था, उन्होंने निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी के लिए बिल लाया और पास कराया।
आज हमारे पास 15 लाख निकाय चुनाव में चुनी गई महिलाएं हैं, ये राजीव गांधी का सपना था, जो अधूरा ही रहा। कांग्रेस इस बिल के समर्थन में हैं, सालों से महिलाएं अपने हक के लिए इंतज़ार कर रही हैं लेकिन अब उनसे और भी इंतज़ार करने को कहा जा रहा है। दो साल -चार साल- पांच साल? कितान लंबा होगा ये इंतज़ार।
इसके साथ ही जनगणना करा कर पिछड़े तबके से आने वाली महिलाओं को आरक्षण मिलना ही चाहिए। महिलाओं के प्रति आभार प्रकट करने का ये सबसे अहम समय है। मैं सरकार से मांग करती हूं कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम की सारी दिक़्क़तें दूर कर इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए।