भारतेन्दु हरिश्चंद्र की जयंती पर पैराडाइज पब्लिक सेकेन्डरी स्कूल में भव्य काव्य गोष्ठी
हावड़ा। “भारतेन्दु जी जन्मजात कवि थे। पाँच वर्ष की आयु में ही उन्होंने एक दोहा बनाकर अपने पिता जी को सुनाया और उनसे सुकवि बनने का आशीर्वाद प्राप्त किया- “ले ब्योढा ठाढ़े भये, श्री अनिरुद्ध सुजान।/बाणासुर, की सैन्य को, हनन लगे ‘बलवान्॥” भारतेन्दु जी ने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण का चित्रण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। हिन्दी को राष्ट्र-भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में उन्होंने अपनी प्रतिभा का उपयोग किया।” ये उद्गार हैं प्रांतीय महामंत्री रामपुकार सिंह के जो कि हावड़ा के पैराडाइज पब्लिक सेकेन्डरी स्कूल के सभागार में राष्ट्रीय कवि संंगम के प्रांतीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में आयोजित उत्तर हावड़ा जिला इकाई द्वारा भारतेन्दु हरिश्चंद्र की 173 वीं जयंंती के शुभ अवसर पर अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में बोल रहे थे।
इस अवसर पर प्रख्यात गज़लकार रणजीत भारती मुख्य अतिथि और दक्षिण कोलकाता के महामंत्री प्रदीप कुमार धानुक अलबेला विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत डाॅ. उर्मिला साव कामना के मधुर सरस्वती वंदना से हुई। जिला मंत्री डाॅ. अरविन्द कुमार मिश्र ने सभी रचनाकारों और श्रोताओं का स्वागत के साथ-साथ भारतेंदुजी के रचना संसार पर प्रकाश डाला। इसके बाद जिलाध्यक्ष डाॅ. मनोज कुमार मिश्र ने भारतेन्दु हरिश्चंद्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की प्रसिद्ध कविता निज भाषा के एक दोहे का जिक्र भी किया- “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।/बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।”
काव्य गोष्ठी में उपस्थित सभी रचनाकारों ने डाॅ. मनोज कुमार मिश्र के कुशल संचालन में अपनी स्वरचित रचना सुनाकर कार्यक्रम को यादगार बनाते हुए सभी श्रोतागण को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रस्तुति देने वालों में चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय अनुरागी, रणजीत भारती, डाॅ. मनोज कुमार मिश्र, डाॅ. अरविन्द कुमार मिश्रा, वंदना पाठक, प्रदीप कुमार धानुक अलबेला, डाॅ. उर्मिला साव कामना, कमलापति पाण्डेय निडर, नन्दू बिहारी झा, धर्मदेव सिंह, रवींद्र कुमार श्रीवास्तव और ओम प्रकाश चौबे प्रमुख थे। जिला संरक्षक चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय अनुरागी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए सभी रचनाकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया।