कोलकाता : अगले साल राज्य में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भगवा पार्टी धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं करती है और मुस्लिम समुदाय के लोगों को आश्वस्त किया कि मोदी की अगुवाई वाली केंद्र की राजग सरकार के अधीन उन्हें भी समान अधिकार प्राप्त हैं । प्रदेश के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में आयोजित एक रैली में कहा कि यह केवल भाजपा ही है, जो इस विचारधारा को मानती है ।
”योजनाओं का लाभ देने के लिये हम व्यक्ति की हैसियत, उसके राजनैतिक जुड़ाव आदि को देख कर अलग-अलग नीतियों का पालन नहीं करते हैं ।” उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विभिन्न योजनाओं से बंगाल के मुस्लिम लाभान्वित हुये हैं। इसमें कोई भेदभाव नहीं है, जैसा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार करती है।” ‘आप (मुस्लिम) सम्मानित नागरिक हैं और आपको वे सब अधिकार प्राप्त हैं जो दिलीप घोष के पास है और केवल भारतीय जनता पार्टी इस विचारधारा को मानती है ।” घोष प्रदेश के परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी के गढ़ में बोल रहे थे, जो काफी समय से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के साथ दूरी बनाए हुए हैं और पार्टी की कई महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल नहीं हुए हैं ।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अतीत में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्यंत मुखर रहे हैं, खास तौर से बांग्लादेश के क थित मुस्लिम घुसपैठियों के बारे में । उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में शासन करने वाले राजनैतिक दलों ने चाहे यह माकपा की अगुवाई वाला वाम मोर्चा हो या कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस, सबने मुसलमानों को अशिक्षित, बेरोजगार और गरीब बना कर उनका इस्तेमाल वोट बैंक के रूप में किया । राज्य की ममता बनर्जी नीत सरकार पर लोगों के साथ भेदभाव करने का जिक्र करते हुये घोष ने कहा, “प्रदेश की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने राज्य में इमामों को दो हजार रुपये वजीफा के तौर पर देने की घोषणा की थी। हिंदुओं के नाराज होने की बात महसूस करने के बाद उन्होंने पुजारियों को 1,000-1000 रुपये की घोषणा की। यह भेदभाव क्यों ।” घोष ने भरोसा जताया कि 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी प्रदेश की 294 सीटों में से 200 सीटों पर जीत हासिल करेगी ।