कोलकाता। बंगाल सरकार ने हुगली में फुरफुरा शरीफ के विकास के लिए 58.5 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है। राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने विधानसभा में यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि फुरफुरा के विकास के लिए कुल 62 लाख 89 हजार 492 रुपये आवंटित किये गये हैं। यह पैसा फुरफुरा शरीफ डेवलपमेंट बोर्ड के जरिए खर्च किया जाएगा। गुरुवार को विधानसभा सत्र में फिरहाद के ऐसा कहने के बाद फुरफुरा शरीफ के पीरजादा और भांगड़ के आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने सवाल उठाया कि फुरफुरा विकास बोर्ड का कार्यालय कहां है?
इसके जवाब में फिरहाद ने कहा, ”हमें अभी तक कोई ऑफिस नहीं मिला है। वहां एक सुनसान जगह मिली है। कार्यालय वहीं होगा। फुरफुरा शरीफ गेट के बगल की जमीन पर ऑफिस, गेस्ट हाउस बनेगा। फिलहाल श्रीरामपुर स्थित उपविभागीय शासक कार्यालय से ही कामकाज जारी रहेगा। हुगली के जंगीपारा ब्लॉक के इस कस्बे में साल भर राजनेता भी आते रहते हैं। इसके विकास और शेल्टर होम बनने के बाद काफी सुविधाएं होंगी।
उल्लेखनीय है कि 2008 से फुरफुरा की तस्वीर बदलनी शुरू हुई। फुरफुरा के पीरजादा तोहा सिद्दीकी का तृणमूल के तत्कालीन अखिल भारतीय महासचिव मुकुल रॉय के साथ संबंध और निकटता राज्य की राजनीति में प्रसिद्ध थी। उस समय, अन्य दलों के नेताओं ने औपचारिकताओं को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन राजनेताओं को पता था कि फुरफुरा व्यावहारिक रूप से तृणमूल का हो गया है।
ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद फुरफुरा शरीफ विकास बोर्ड का गठन किया गया। फिरहाद को इसका अध्यक्ष बनाया गया। हालांकि, 2021 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, वह समीकरण थोड़ा बदल गया। कई लोगों के मुताबिक, अब्बास सिद्दीकी और नौशाद के आने से तृणमूल से फुरफुरा शरीफ की दूरियां बढ़ी है। भांगड़ में नौशाद की जीत ने हालात को थोड़ा और बदल दिया। सागरदिघी उपचुनाव के बाद मुख्यमंत्री ममता ने फुरफुरा शरीफ विकास बोर्ड के अध्यक्ष का तबादला कर दिया था।
फिरहाद को हटा दिया गया और उनकी जगह सप्तग्राम के तृणमूल विधायक और पूर्व राज्य मंत्री तपन दासगुप्ता को नियुक्त किया गया। जब 2021 में तिसरी बार ममता सरकार आईं तो उन्होंने फुरफुरा डेवलपमेंट काउंसिल बनाई। हकीम ने दावा किया कि उसके बाद से लेकर 58 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। हकीम ने बताया कि पहली किस्त में करीब 63 लाख रुपये का खर्च होगा।