ईश्वरचंद्र विद्यासागर की पुण्यतिथि पर काव्यांजलि एवं राष्ट्र स्वर पत्रिका का लोकार्पण

‘राष्ट्र स्वर’ पत्रिका का ‘कलेवर, फ्लेवर एवं तेवर’ सराहनीय हैं- डॉ. राहुल अवस्थी

कोलकाता। बंगाल में जन्मे, उन्नीसवीं शताब्दी के महान दार्शनिक, शिक्षाविद, समाज सुधारक एवं लेखक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय कवि संगम की मध्य कोलकाता इकाई ने संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में एक अभूतपूर्व आभासी काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया। जिसमें प्रांतीय स्तर पर प्रकाशित होने वाली त्रैमासिक पत्रिका ‘राष्ट्र स्वर’ का लोकार्पण भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित देश के प्रसिद्ध कविश्रेष्ठ डॉ. राहुल अवस्थी (बरेली कालेज) द्वारा किया गया।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विख्यात कवयित्री डॉ. मधु चतुर्वेदी (गजरौला) भी मौजूद रही। अन्य गणमान्य अतिथियों में प्रांतीय उपाध्यक्ष श्यामा सिंह, प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह एवं प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह गौतम भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के संयोजन का भार सम्भाला मध्य कोलकाता के जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने एवं संचालन के दायित्व का निर्वाह किया मध्य कोलकाता की जिला महामंत्री स्वागता बसु ने। कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ हिमाद्रि मिश्र की सरस्वती वन्दना एवं जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा के स्वागत भाषण के साथ। तत्पश्चात, राष्ट्रीय कवि संगम, पश्चिम बंगाल की प्रांतीय ऑनलाइन त्रैमासिक पत्रिका ‘राष्ट्र स्वर’ का लोकार्पण डॉ. राहुल अवस्थी के द्वारा किया गया। डॉ. अवस्थी ने पत्रिका के ‘कलेवर, फ्लेवर एवं तेवर’ की सराहना करते हुए संस्था को विशेष रूप से बधाई दी और ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के शैक्षणिक एवं सामाजिक योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर डॉ. अवस्थी की कविता ‘जो हम शंकर नहीं होते, तो तुम ज़िंदा नहीं होते’ सुनकर पटल पर उपस्थित सभी लोग भाव विभोर हो उठे। डॉ. मधु चतुर्वेदी की पेशकश ‘ताब है मुझमें अभी’ सभी के दिलों को छू गयीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. गिरिधर राय ने भी अपनी रचना ‘कहूँ मैं किससे मन की बात’ सुनाकर खूब तालियाँ बटोरी। अन्य काव्य पाठ करने वालों के नाम इस प्रकार हैं – श्यामा सिंह, राम पुकार सिंह, बलवंत सिंह ‘गौतम’, रामा कांत सिन्हा, स्वागता बसु, उमेश चन्द्र तिवारी, आलोक चौधरी, हिमाद्रि मिश्रा, सुषमा राय पटेल, सीमा सिंह, चंद्रिका प्रसाद ‘अनुरागी’, डॉ. उर्मिला साव ‘कामना’, रूपम महतो, सौमी मजुमदार, विकास ठाकुर एवं पुष्पा रजक।

इनके अलावा श्रोताओं के रूप में आशुतोष मणि त्रिपाठी, बीर बहादुर सिंह, मनोज मिश्रा, राज कुमार राय, नीता अनामिका, सुनीता मंडल, कामायनी संजय, मंजू बैज, नीलम झा, नीलम मिश्रा, भारती मिश्रा, विष्णुप्रिया त्रिवेदी, राम नारायण मिश्रा, श्वेता गुप्ता श्वेताम्बरी, प्रणति ठाकुर, नीलू मेहरा, अशोक शर्मा, महेंद्र मिश्रा, अमित अम्बस्ट, बिमल प्रह्लादका, राहुल झा, अंकित शॉ, जूही सिंह, दुर्गेश तिवारी, ज्योतिका प्रसाद, कुमुद ठाकुर, निशा गुप्ता, पूनम गुप्ता, नरेंद्र मिश्रा, संगीता चौधरी, उमेश पांडे एवं जॉनी जोन्स इत्यादि कई सुधीजन भी उपस्थित रहे। अंत में यह काव्य गोष्ठी जिला साहित्य मंत्री आलोक चौधरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सुसम्पन्न हुई।

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