कोलकाता। देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में शामिल पश्चिम बंगाल के कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज ने छात्र छात्राओं के लिए नया फरमान जारी किया है। फरमान के मुताबिक कॉलेज के छात्र-छात्राएं अब परिसर में अकेले एक साथ नहीं बैठ सकते हैं। साथ ही वह एक दूसरे का हाथ पकड़कर भी नहीं चल सकते हैं। छात्राओं ने इस फैसले के खिलाफ आंदोलन भी किया। जिस पर भी कॉलेज ने रोक लगा दी है। कॉलेज प्रबंधन की ओर से जारी कोड ऑफ कंडक्ट यानी आचार संहिता के रूप में ऐसी कई पाबंदियां लगाई गई हैं। जिसकी वजह से कोई भी छात्र किसी भी तरह का आंदोलन धरना जैसी चीजें नहीं कर सकता है।
परिसर में किया धरना प्रदर्शन
कॉलेज के इस फैसले के खिलाफ छात्र संघ के साथ ही अन्य छात्र संगठनों ने आजादी का हनन करार देते हुए आंदोलन की घोषणा कर दी है। सीपीएम के छात्र संगठन एसएफआई ने आचार संहिता के विरोध में शुक्रवार (23 जून) को डीन ऑफ स्टूडेंट्स को ज्ञापन सौंपा था। साथ ही सोमवार (26 जून) को भी परिसर में इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।
पैरेंट्स से भी की गई शिकायत
प्रेसीडेंसी कॉलेज प्रबंधन ने पिछले हफ्ते कॉलेज में किसी छात्र और छात्रा को बैठ कर बातचीत करते या हाथों में हाथ डाल कर परिसर में टहलते देखते ही उनको ऑफिस में बुलाकर उनसे वजह पूछी जा रही है। साथ ही उन्हें इस चीज के लिए नोटिस थमाया जा रहा था. इसके अलावा कुछ पैरेंट्स से भी शिकायत की गई थी।
कॉलेज के इस फैसले को छात्र संघ ने मनमानी बताया है। साथ ही अनुशासन की आड़ में छात्रों की आजादी में दखल का आरोप लगाया है। एसएफआई की प्रेसीडेंसी ब्रांच के सचिव ऋषभ साहा ने इसे प्रबंधन के तानाशाही रवैए का सबूत करार दिया है। उन्होंने इसके खिलाफ आंदोलन की बात भी कही है।