कोलकाता। पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने नई दिल्ली में अपनी पार्टी के आलाकमान से पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के मामले में सुप्रीम कोर्ट में राज्य चुनाव आयोग और सरकार का प्रतिनिधित्व करने से रोकने की अपील की है। राज्य सरकार ने पूरे राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती के कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है।
कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इस पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है, ताकि मामले की एकतरफा सुनवाई न हो। राज्य कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि चौधरी ने मामले को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संज्ञान में लाया है और उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि सिंघवी व अन्य पार्टी नेता, जो देश के शीर्ष अधिवक्ता हैं, अदालत में राज्य सरकार या राज्य चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व न करें।
सुप्रीम कोर्ट में तृणमूल कांग्रेस का पक्ष रखने पर सिंघवी को हाल ही में कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। चौधरी ने भी सिंघवी के पूर्ण बहिष्कार का आह्वान किया था। चौधरी ने कहा, सिंघवी ने शारदा चिटफंड और नारदा वीडियो टेप घोटालों के मामलों में तृणमूल कांग्रेस के लिए इसी तरह के ब्रीफ को स्वीकार किया था।
उस समय भी राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मैंने स्पष्ट रूप से कहा था कि हम पश्चिम बंगाल में पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति नहीं चाहते हैं और अब मैं इसे फिर से कह रहा हूं। हम सिंघवी को पूर्ण बहिष्कार का आह्वान कर रहे हैं। पिछले हफ्ते पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया था कि तृणमूल कांग्रेस के लिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का समर्थन करने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि कांग्रेस ने राज्य में सीपीआई (एम) के साथ हाथ मिला लिया है।