बंगाल की खबरें || बुढ़ापे में खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रहा बुजुर्ग

कोलकाता। क्या आपने कभी सोचा है कि जब आपकी उम्र 79 हो और अचानक से आपकी आय के सभी स्रोत बंद कर दिए जाएं। अगर ऐसा तो क्या होगा। पश्चिम बंगाल में एक बुजुर्ग के साथ ऐसा हुआ है जहां पर उनको अपनी पेंशन के लिए दर-बदर भटकना पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के 79 वर्षीय विजय को बिना पेंशन के अपना बुढ़ापा मुश्किल से बीत रहा है। उनको कागजों पर मरा हुआ घोषित कर दिया गया था, जिसके चलते करीब दो साल पहले उनकी पेंशन बंद है।

बुढ़ापे में पेंशन बंद होने के बाद मजबूर विजय को दर-बदर भटकना पड़ रहा है लेकिन अभी तक उनकी पेंशन बहाल नहीं हो सकी है। ढोलट के तेली गांव में विजय अपनी पत्नी और एक बीमार बेटे के साथ रहते हैं, उनका गुजारा ही काफी मुश्किल से हो पा रहा है। जहां तक उनको याद आता है कि उन्होंने आखिरी बार कब दो बार का भोजन किया था।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके घर भी ठीक स्थिति में नहीं है, उनके घर के जीर्ण-शीर्ण हिस्से नीचे की ओर लटकते हैं और उनका एकलौता बीमार बेटा झोपड़ी के कोने पर तपती गर्मी के बीच घिसे-पिटे कंबल से ढका रहता है। हाथी के पास दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, उसे खाना देना तो दूर की बात है।

दो साल पहले घोषित किया था मृत

विजय ने बताया कि दो साल पहले पब्लिक रिकॉर्ड पर तब मरा हुआ घोषित कर दिया गया था। जब मेरी पेंशन रुक गई तब मैंने ब्लॉक विकास अधिकारी से संपर्क किया और तब मुझे पता चला कि मुझे मृत घोषित कर दिया गया है, और मुझको पश्चिम बंगाल सरकार से मिलने वाले हजार रुपये आगे से नहीं मिलेंगे।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन योजना चलाई है, जिसमें वह उन बुजुर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी जो आर्थिक रूप से अपनी खुद की मदद करने में असमर्थ हैं। इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को एक हजार रुपये की मासिक पेंशन प्रदान की जाती है जोकि उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है।

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