कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार के अनुसार, ओडिशा ट्रेन त्रासदी में राज्य से मरने वालों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। रविवार शाम को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह आंकड़ा 62 बताते हुए आशंका जताई थी कि और शवों की पहचान होने पर यह संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने संदेह व्यक्त किया था कि अनारक्षित डिब्बों में यात्रा करने वालों के नाम रेलवे विभाग के पास आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। उन्होंने कहा, वह सूची अभी राज्य सरकार तक नहीं पहुंची है। इसलिए बंगाल में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
सोमवार को राज्य सरकार ने मरने वालों का आंकड़ा 81 बताया। राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि सबसे अधिक 31 दक्षिण 24 परगना जिले से मौतें हुई हैं। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने छह सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की है, जिसके सदस्य ट्रेन और दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के पास जाएंगे और पार्टी की ओर से हर परिवार को 2,00,000 रुपये मुआवजे का चेक सौंपेंगे।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने घोषणा की थी कि प्रत्येक मृतक के परिवार को 2,00,000 रुपये का मुआवजा राज्य सरकार की ओर से घोषित 5,00,000 रुपये से अलग होगा। बालासोर ट्रेन हादसे की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की रेलवे बोर्ड की सिफारिश को लेकर राज्य में पहले से ही राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डॉ. सांतनु सेन ने कहा, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता अब बहुत कम हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी दलों के खिलाफ उसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए हमें सीबीआई जांच में कोई विश्वास नहीं है। पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य सुकांत मजूमदार ने कहा कि चूंकि दुर्घटना के पीछे तोड़फोड़ की आशंका है, इसलिए इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की जरूरत है।