कोलकाता। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों की एकजुटता की कवायद के बीच कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मंगलवार को उस वक्त आमने-सामने आ गए जब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पश्चिम बंगाल में अपने एक विधायक के दलबदल करने को लेकर ममता बनर्जी की पार्टी पर तीखा प्रहार किया। रमेश ने अपने इकलौते विधायक बायरन बिस्वास के सत्तारूढ़ दल (टीएमसी) में शामिल होने को लेकर कहा कि इस तरह की खरीद-फरोख्त से विपक्षी एकजुटता को मजबूती नहीं मिलेगी और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के उद्देश्य पूरे होंगे।
इस पर टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय दल के रूप में कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि क्षेत्रीय दलों की अपनी बाध्यताएं हैं। रमेश ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘ ऐतिहासिक जीत के तीन महीने बाद कांग्रेस विधायक बायरन बिश्वास को टीएमसी ने प्रलोभन देकर अपने साथ कर लिया। यह सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र की जनता के जनादेश के साथ विश्वासघात है।”
उन्होंने कहा, ‘इस तरह की खरीद-फरोख्त पहले भी गोवा, मेघालय, त्रिपुरा और कुछ राज्यों में हो चुकी है। इससे विपक्षी एकता मजबूत नहीं होगी और सिर्फ भाजपा के उद्देश्यों की पूर्ति होगी।’ इस बारे में पूछे जाने पर ममता बनर्जी ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सभी (विपक्षी दल) राष्ट्रीय स्तर पर एकसाथ हैं। सभी दलों को समझना होगा कि क्षेत्रीय पार्टियों की अपनी बाध्यताएं हैं।
हम सिर्फ मेघालय और गोवा में चुनाव लड़े। जब कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल और छत्तीसगढ़ में लड़ी थी तो हमने कोई परेशानी पैदा नहीं की, बल्कि समर्थन दिया। उनका कहना था, ‘‘किसी ने कुछ कहा है तो उस पर मैं कुछ नहीं कहूंगी। यह उनकी अपनी आजादी है। एक विधायक शामिल हुआ है। हमने तो कई जगहों पर सीटें नहीं मांगी।’’
टीएमसी प्रमुख ने कहा, ‘‘आप (कांग्रेस) राष्ट्रीय पार्टी हैं, भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है। अगर हम चार-पांच राज्यों में चुनाव नहीं लड़ेंगे तो हम कैसे राष्ट्रीय पार्टी बनेंगे। हम चाहते हैं कि तीन-चार जगह थोड़ा-थोड़ा रहें, हमारी राष्ट्रीय पार्टी रहे। जयराम रमेश जी ने टीएमसी के बारे में बात की है, मैं धन्यवाद करती हूं।’’
टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ममता बनर्जी के समर्थन के बावजूद कांग्रेस ममता बनर्जी से ही लड़ने का संकल्प लेती है। कांग्रेस विपक्षी एकजुटता पर विश्वास तोड़ती है और फिर गुलदस्ते की उम्मीद करती है। फिर भाजपा को मजबूत करने की बात क्या करना?’’
टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि कांग्रेस को यह फैसला करना है कि उसे किससे लड़ना है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा” वे बंगाल में टीएमसी का विरोध कर यह दावा नहीं कर सकते कि केंद्र में भाजपा से लड़ रहे हैं। यह दोहरा मापदंड बंद होना चाहिए। केरल की नीति, जहां माकपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं, लेकिन केंद्र में सहयोगी हैं, पश्चिम बंगाल में काम नहीं करेगी। ”
कांग्रेस और टीमएसी के बीच यह वार-पलटवार उस समय हो रहा है जब अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता की कवायद तेज है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस के इकलौते विधायक बायरन बिस्वास सोमवार को सत्तारूढ़ टीएमसी में शामिल हो गये। बिस्वास सत्तारूढ़ पार्टी के जनसंपर्क अभियान ‘नवज्वार’ के दौरान टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए।