बंगाल हिंसा पर फिल्म बना रहे निर्देशक को कोलकाता पुलिस ने भेजा नोटिस

कोलकाता (Kolkata)। पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर फिल्म बना रहे निर्देशक सनोज मिश्रा को कोलकाता पुलिस  ने नोटिस भेजा है। बंगाल में चुनावी हिंसा की घटनाओं पर आधारित ”डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” नाम की फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद डायरेक्टर सनोज मिश्रा को पुलिस ने थाने बुलाया है। एक व्यक्ति ने कोलकाता के अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज कराई कि बंगाल की छवि और सद्भाव को नष्ट करने के इरादे से फिल्म बनी है।

शिकायत में फिल्म के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह का भी नाम है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उस मामले में डायरेक्टर सनोज को 30 मई को जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, जिस सोशल मीडिया पर ट्रेलर पब्लिश हुआ था, उसके मालिक को भी बुलाया गया है। इसको लेकर राजनीतिक दबाव भी शुरु हो गया है।

पुलिस के अनुसार फिल्म निर्देशक के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने, गलत बयान देने या अपराध करने के इरादे से अफवाह फैलाने का मामला दर्ज किया गया है। साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा भी जोड़ी गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रदेश की छवि और संस्कृति को नुकसान पहुंचाने की शिकायत के आधार पर जांच शुरु कर दी गयी है।

फिल्म के निर्देशक सनोज ने दावा किया, ”हमारा इरादा कभी भी राज्य की छवि खराब करने का नहीं रहा है। फिल्म में रिसर्च और निष्कर्षों का इस्तेमाल किया गया है। भाजपा ने पुलिस के समन को ”निरंकुश” कार्रवाई करार दिया. प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने दावा किया, पश्चिम बंगाल का नाम विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। बंगाल से उग्रवादी पकड़े जा रहे हैं।

अगर कोई फिल्म के माध्यम से इस सच्चाई को उजागर करना चाहता है तो वह आम लोगों को जागरूक करना है। यह कितना सच है, कितना आंशिक रूप से सच है, इस पर बहस हो सकती है लेकिन फिल्म पर प्रतिबंध लगाने और निर्देशक को पुलिस नोटिस भेजना घोर अलोकतांत्रिक, असहिष्णु और निरंकुश मानसिकता की अभिव्यक्ति है। दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, मैं जानता हूं, यह फिल्म विकृत, उकसाने वाला और राजनीति से प्रेरित है।

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