कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने अब तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के करीबी सुजय कृष्ण भद्र को 30 मई को केंद्र सरकार के कार्यालय (सीजीओ) में तलब किया है। सूत्रों ने कहा कि भद्र से कुछ संदिग्ध संस्थाओं के बारे में पूछा जाएगा, जिनके साथ वह लंबे समय से जुड़े हुए हैं। ईडी ने इस मामले में दो अन्य लोगों को भी तलब किया है। उनमें से एक ज्ञानानंद सामंत हैं, जो दक्षिण 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस जिला परिषद के सदस्य हैं, जबकि दूसरे पेशे से नागरिक स्वयंसेवक राहुल बेरा हैं।
ईडी ने 20 मई को भद्र के बेहाला स्थित आवास पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी उसी दिन की गई थी, जब सीबीआई के अधिकारियों ने मामले के संबंध में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की थी। इससे पहले सीबीआई ने भद्र के आवास पर भी छापा मारा था, जहां उन्होंने कुछ दस्तावेज और नकदी जब्त की थी।
ईडी के अधिकारियों को जब्त किए गए भद्र के दो मोबाइल फोन से कुछ सुराग मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को भद्र से उनके मोबाइल फोन से मिले इन सुरागों के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। केंद्रीय एजेंसी की पूछताछ के दौरान इस मामले के एक संदिग्ध गोपाल दलपति ने भद्र का नाम लिया था, इसके बाद भद्र का नाम सामने आया था।
दलपति ने गुप्तचरों को बताया कि भर्ती मामले में एक आरोपी और युवा तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित नेता कुंतल घोष, उनके द्वारा एकत्र किए गए घोटाले की आय का एक हिस्सा भद्र को सौंप देता था, जिसे घोष ‘कालीघाटेर काकू’ (कालीघाट के चाचा) के रूप में संबोधित करता था। घोष ने दावा किया कि भद्र राज्य की सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी मुख्य कड़ी थे।