केरल स्टोरी विवाद : दिलीप घोष ने ममता पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप

कोलकाता। लव जिहाद पर बनी फिल्म द केरल स्टोरी को पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर प्रतिबंधित किए जाने का विवाद नहीं थम रहा। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को इसे लेकर ममता बनर्जी पर एक बार फिर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब पद्मावत मूवी आई थी और पूरे देश में इसका विरोध हो रहा था तब ममता ने कहा था कि फिल्म को रिलीज किया जाना चाहिए।

बंगाल के सभी सिनेमा हॉल में उसे रिलीज करवाया था और फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन की दुहाई दे रही थीं लेकिन वहीं ममता आज दी केरल स्टोरी को चलने से पहले प्रतिबंधित कर दीं। इसकी वजह है कि उन्हें अपने खास दूध देने वाले समुदाय को खुश करके रखना है। न्यू टाउन इको पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी रोज बदले जाने वाले पोशाक की तरह अपना रुख बदलती हैं।

हकीकत यह है कि ममता राजनीतिक कारोबारी हैं। उनके लिए देश, दुनिया, समाज कोई मायने नहीं रखता. केवल राजनीति करनी है। बंगाल के बुद्धिजीवियों पर तीखा प्रहार करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि ममता के मंच पर मशाल जलाकर विरोध करने वाले कलाकार और फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन की दुहाई देने वाले लोग आज कहां हैं? हकीकत यह है कि उनकी रोजी-रोटी खत्म हो जाएगी अगर ममता के खिलाफ जाएंगे।

दिलीप ने कहा कि एक बांग्ला भाषी निर्देशक ने यह फिल्म बनाई है। चुनावी नुकसान के डर से ममता ने उसे राज्य में प्रतिबंधित कर दिया। दिलीप घोष ने कहा कि अभिषेक बनर्जी के जनसंपर्क यात्रा के लिए बंगाल में चुनाव रोक कर रखा गया है। जब तक वह खत्म नहीं होगा तब तक चुनाव की घोषणा नहीं होगी। हकीकत यही है कि राज्य चुनाव आयोग ममता बनर्जी के घर के नौकर की तरह है। उन्हीं के इशारे पर चलेगा।

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