बंगाल में ‘The Kerala Story’ के बैन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

कोलकाता/नयी दिल्ली। द केरल स्टोरी फिल्म को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। एक ओर जहां फिल्म ताबड़तोड़ कमाई कर रही है, तो दूसरी ओर बंगाल और तामिलनाडू फिल्म एसोसिएशन ने इस पर कानून व्यवस्था के बिगड़ने का अंदेशा जाहिर करते हुए रिलीज़ के चार दिन बाद बैन लगा दिया है। फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है, जिसमें  बंगाल में लगी रोक हटाने तथा तामिलनाडू सरकार को सिनेमाघरों को सुरक्षा प्रदान करने की याचना की है।

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी दिया ये बयान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बड़ा इल्जाम भी लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार मनगढ़ंत और गलत कहानी वाली बंगाल फाइल्स बनाने के लिए फिल्मकारों को पैसे दे रही है। उन्होंने इल्जाम लगाते हुए कहा है, “बीजेपी, ‘द केरल स्टोरी’ नाम की फिल्म दिखा रही है, जिसकी कहानी मनगढ़ंत है। कुछ दिनों पहले इनके भेजे एक्टर्स बंगाल आए थे और वो मनगढ़ंत और गलत कहानी वाली फिल्म बंगाल फाइल्स की तैयारी कर रहे हैं।

बीजेपी सामुदायिक दिक्कतें पैदा कर रही है। ये सब करना क्या किसी राजनीतिक पार्टी का काम है? उन्हें ये करना का हक किसने दिया। ममता बनर्जी सरकार ने नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने का हवाला देते हुए राज्य में इस फिल्म को दिखाने पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। वहीं तमिलनाडु में सिनेमाघरों के मालिकों ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए, फिल्म को दिखाने से इनकार कर दिया था।

फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने बनर्जी को घेरा

ममता सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए फिल्म के निर्माता विपुल शाह ने कहा कि वो टीएमसी सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। वहीं, फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि चार दिन से बंगाल में फिल्म हाउसफुल चल रही थी। तब तो कानून व्यवस्था जैसे कोई हालात पैदा नहीं हुए। सेन ने आगे कहा कि चार दिन बाद ममता बनर्जी ने अचानक फिल्म पर यह कहते हुए बैन लगा दिया कि इससे कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जबकि हमने उनसे फिल्म को देखने का अनुरोध भी किया था और कहा था कि आपको इस पर गर्व होगा।

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