कोलकाता। मोचा चक्रवात को लेकर सुगबुगाहट तेज होती जा रही है क्योंकि दिन बीतने के साथ ये चक्रवात भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने अनुमान जताया है कि मोचा चक्रवात इस हफ्ते ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोचा तूफान भारत के दक्षिण तटीय क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जिसमें ओडिशा, दक्षिण-पूर्व गंगीय पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
आईएमडी के महानिदेशक (डीजी) मृत्युंजय महापात्र ने हालही में कहा था कि कम दबाव के बनने और 9 मई तक चक्रवात में इसकी तीव्रता की आशंका है। उन्होंने सलाह दी थी कि मछुआरों को 7 मई से दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में नहीं जाना चाहिए। गौरतलब है कि बीती गर्मियों में आए चक्रवाती तूफान ‘फनी’ ने 3 मई, 2019 को पुरी के पास ओडिशा तट पर दस्तक दी थी। इसने राजधानी भुवनेश्वर सहित तटीय ओडिशा में बड़ी तबाही मचाई थी।
मौसम विभाग का कहना है कि 8 से 11 मई तक भारी बारिश के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी के तटीय और सीमावर्ती इलाकों में इस बारिश के आसार बन रहे हैं। लोगों को चेतावनी जारी की गई है कि वह अलर्ट रहें। इस चक्रवात का असर ओडिशा के कई राज्यों में दिख सकता है। इस बीच हवाएं भी काफी तेज गति से चलेंगी और दिल्ली-यूपी में भी बादल छाए रह सकते हैं।
चक्रवात का नाम मोचा कैसे पड़ा?
इस चक्रवात का नाम यमन से आया है। दरअसल यमन में एक शहर का नाम मोचा है। यहां कॉफी का व्यापार बड़े स्तर पर होता है। इसी के नाम से मोचा कॉफी भी आती है। बता दें कि तूफानों को नाम देने के लिए 13 देशों का एक पैनल है, जिसमें भारत भी शामिल है। यही देश मिलकर किसी तूफान को नाम देते हैं।