कोलकाता। राज्य के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तारी के बाद से तिहाड़ जेल में बंद बीरभूम जिले के बाहुबली तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल के बारे में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि वह न केवल मवेशी तस्करी के एवज में रुपये की वसूली करते थे बल्कि बीरभूम जिला परिषद से भी करोड़ों रुपये की वसूली किया करते थे। उनके एजेंट के तौर पर बॉडीगार्ड सहगल हुसैन रुपये की वसूली करता था। ईडी ने अणुव्रत के खिलाफ दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है उसी में चौंकाने वाला दावा किया है।
केंद्रीय एजेंसी ने बताया है मंडल के करीबी कारोबारी राजीव भट्टाचार्य से पूछताछ में यह जानकारी मिली है। भट्टाचार्य ने यह स्वीकार किया है कि जिला परिषद से भी रुपये की वसूली की जाती थी। बोलपुर के अहमदपुर के रहने वाले राजीव एक चावल मिल के मालिक हैं और तृणमूल कांग्रेस के अंचल सभापति भी हैं। मवेशी तस्करी मामले में उनसे एक बार पहले पूछताछ हो चुकी है। उसने बताया है कि चावल मिल उसका नहीं बल्कि अणुव्रत मंडल का ही है लेकिन वह चलाता था।
सहगल हुसैन ने ईडी की पूछताछ में बताया है कि मवेशी तस्करी से संबंधित सारी बातचीत हुसैन के फोन से ही अणुव्रत मंडल किया करते थे। तृणमूल कांग्रेस के विधायक और अन्य बड़े नेता भी सहगल हुसैन को ही फोन करके अणुव्रत से बातचीत किया करते थे। ईडी ने अपनी चार्जशीट में सहगल की कॉल लिस्ट भी जमा दी है जिसमें उसने यह भी स्वीकार किया है कि जिला परिषद में भी कई कार्यो को कराने के लिए अणुव्रत मंडल अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते थे और इसके एवज में लाखों रुपये की वसूली होती थी।