कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मणिपुर की स्थिति पर गुरुवार को गहरी चिंता व्यक्त की। बनर्जी ने ट्वीट किया, “यह राजनीति का समय नहीं है। राजनीति और चुनाव इंतजार कर सकते हैं, लेकिन पहले हमारे खूबसूरत राज्य मणिपुर की रक्षा करनी होगी।” उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर के अपने भाइयों और बहनों से भी शांत रहने, शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह करती हूं। अगर हम आज मानवता को जलाते हैं, तो कल हम इंसान नहीं रहेंगे।”
उल्लेखनीय है कि ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम ) द्वारा मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आयोजित विरोध रैली के बाद बुधवार को मणिपुर में हिंसक झड़पें हुयीं। प्रदर्शनकारी मेइतेई को अनुसूचित जाति (एसटी) में शामिल करने की मांग पर निर्णय लेने के लिए न्यायालय द्वारा मणिपुर सरकार को निर्देश देने का विरोध कर रहे हैं।
राज्य के बिशनपुर, मोरेह, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और चुराचांदपुर जिलों में बड़ी संख्या में घरों को जला दिया गया। चुराचांदपुर जिले से महिलाओं से दुष्कर्म की खबरें आते ही पूरे राज्यभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
शिलांग में दो समुदायों के बीच सामूहिक लड़ाई, 16 गिरफ्तार
शिलांग। मेघालय पुलिस ने मणिपुर में कुकी और मेइती दोनों समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा के बाद सामूहिक लड़ाई में शामिल दोनों समुदायों के 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने आज बताया कि गुरुवार शाम साढ़े पांच बज मिजो मॉर्डन स्कूल के पास नोंग्रिम हिल्स में दो समुदायों के बीच सामूहिक लड़ाई की सूचना लैतुमखराह पुलिस थाने को मिली। पूर्वी खासी हिल्स के जिला पुलिस प्रमुख सिल्वेस्टर नोंग्टंगर ने कहा सूचना मिलते ही पुलिस इलाके में पहुंची गयी।
जहां एक समुदाय के दो लोगों को दूसरे समुदाय द्वारा पीटा जा रहा था। नोंग्टेंगर ने कहा कि स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 107 के तहत गड़बड़ी पैदा करने के आरोप में दोनों समुदायों के 16 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मेघालय पुलिस ने शहर में शांति भंग करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।