चीन के साथ सीमा मुद्दे के समाधान पर भारत ने दिया जोर

पणजी: भारत ने गुुरुवार को चीन से पुन: जोर देकर कहा कि जब तक चीन पूर्वी लद्दाख में सीमा संबंधी लंबित मुद्दों का समाधान नहीं करता, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने आये चीन के विदेश मंत्री चिन गांग के साथ द्विपक्षीय बैठक में इस बात पर ज़ोर दिया। डॉ जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्री बख्तियार सैदोव से भी द्विपक्षीय बैठक की।

विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने एससीओ विदेश मंत्री परिषद की बैठक के इतर सबसे पहले पूर्वाह्न में एससीओ महासचिव झांग मिंग के साथ मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार श्री झांग मिंग एससीओ को मजबूत करने में भारत की भूमिका के बारे में बहुत सकारात्मक थे। दोपहर के भोज के बाद सबसे पहले रूस के विदेश मंत्री लावरोव के साथ बैठक हुई।

विदेश मंत्री ने ट्वीट में कहा, “रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ हमारे द्विपक्षीय, वैश्विक और बहुपक्षीय सहयोग की व्यापक समीक्षा की और भारत की एससीओ अध्यक्षता के लिए रूस के समर्थन की सराहना की। साथ ही जी-20 और ब्रिक्स से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।

उधर रूसी दूतावास ने भी एक बयान में दोनों विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय मुलाकात का विवरण साझा करते हुए कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य मुद्दों पर विश्वास आधारित विचारों का आदान-प्रदान हुआ, जिसमें आगामी संपर्कों की समय-सारणी के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय एजेंडे पर सामयिक मुद्दे शामिल थे।

मंत्रियों ने हमारे देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की गतिशीलता की प्रशंसा की। एससीओ, ब्रिक्स, यूएन और जी20 सहित सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बातचीत के ढांचे के भीतर आम दृष्टिकोण विकसित करने के लिए समन्वय को और मजबूत करने के इरादे की पुष्टि की गई। इसके अलावा दोनों पक्ष देशों के बीच संबंधों की निष्पक्ष बहुध्रुवीय व्यवस्था के निर्माण की प्रक्रिया को जारी रखने पर सहमत हुए।

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