वाराणसी। राहु दोष निवारण के निम्नलिखित 10 सरल उपाय दिए जा रहे हैं। इसे आजमा कर देख सकते हैं।
1. ॐ रां राहवे नमः प्रतिदिन एक माला जपें।
2. 8 रत्ती का गोमेद पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वा लें। शनिवार को राहु के बीज मन्त्र द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें। राहु बीज मन्त्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: (108 बार)
3. दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
4. पक्षियों को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं।
5. सप्तधान्य का दान समय-समय पर करते रहें।
6. एक नारियल और ग्यारह साबुत बादाम काले वस्त्र में बांधकर बहते जल में शनिवार को प्रवाहित करें। ये उपाय 5 शनिवार करना है
7. शिवलिंग पर जलाभिषेक करें रोज और काले तिल अर्पित करे।
8. अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं जगह नही है खाली तो बल्ब लगाए।
9. तामसिक आहार व मदिरापान बिल्कुल न करें।
10. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल,
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।
इस मंत्र को शुद्ध उच्चारण के साथ तेज स्वर में पूरी राहु की दशा के दौरान कीजिए। ध्यान रहे कि राहु की वक्र दृष्टि या अशुभ स्थिति इंसान को संकटापन्न कर देती है। विवेक-बुद्धि का ह्रास हो जाता है तथा ऐसी दशा में जातक निरुपाय रह जाता है। इसलिए वह स्वयं प्रयत्नहीन होकर उल्टे-गलत निर्णय लेने लगता है। यहां पर पीड़ित जातक के बंधु-बांधवों को चाहिए कि यथाशक्ति उसे अवलंबन प्रदान करें तथा राहु की अशुभ दशा के आरंभ के पूर्व ही उससे बचने और निवारण के उपाय शुरू करवा दें।
ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848