जस्टिस गांगुली ने कहा : लॉंग लीव सुप्रीम कोर्ट, नौकरी चाहने वालों को शायद जीवन भर इंतजार करना पड़े

कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ‌के जस्टिस अभिजीत गांगुली ने अपने खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है, “लॉंग लीव सुप्रीम कोर्ट”। मीडिया से बातचीत ते क्रम में उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए यह भी कहा कि अब शायद नौकरी चाहने वाले उम्मीदवारों को जीवन भर इंतज़ार करना पड़े।जस्टिस गांगुली ने कहा था कि वह आधी रात तक कोर्ट में रुक सकते हैं जब तक कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हाथ में ना आए। रात 9:45 बजे के करीब जब फैसले की प्रति जस्टिस गांगुली के हाथ में आ गई तो वह घर के लिए निकले।

यहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से भी उन्होंने बात की। न्यायाधीश ने कहा, “हम न्यायिक अनुशासन से बंधे हैं। हमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करना होगा।” उन्होंने कहा, “जिन लोगों को नियुक्तियां नहीं मिलीं, वे थोड़ा दुखी हो सकते हैं, लेकिन कुछ नहीं किया जा सकता है।”न्यायमूर्ति गांगुली ने यह भी स्पष्ट किया कि इन मामलों में उनका “कोई व्यक्तिगत हित नहीं था” और “न ही कोई राजनीतिक दबाव” था। इन मामलों ‌को अगर उन्हें बाद में उन्हें फिर से सौंपा जाता है, तो वे उसी तरह से सुनेंगे जैसे उन्होंने पहले सुना था।”

हालांकि, यह कहते हुए कि “अलग-अलग लोगों के काम करने की अलग-अलग शैलियाँ हैं, न्यायाधीश ने कहा: “पिछले छह महीनों में मैंने जो किया है, उसे पूरा होने में 60 साल लगते हैं, तो कहने के लिए कुछ भी नहीं है।” बाद में उन्होंने कहा कि नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों को अपने जीवन के अंत तक इंतजार करना पड़ सकता है। “नौकरी चाहने वालों के लिए नायक” कहे जाने पर, न्यायमूर्ति गांगुली ने टिप्पणी की कि आज (नायक की) मृत्यु हो गई है। हालाँकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह “जिम्मेदारियों से भागने” वालों में से नहीं हैं और अगले सप्ताह से काम जारी रखेंगे।

इससे पहले दिन में, न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा था कि वह अपने कक्ष में 12.15 बजे तक प्रतीक्षा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को उन्होंने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की एससी पीठ के समक्ष रखी गई मूल रिपोर्ट आधी रात तक  देने का निर्देश दिया था। जस्टिस गांगुली ने शुक्रवार दोपहर कहा था, “मैं आधी रात तक अपने कक्ष में रहूंगा। मैं सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किए गए दस्तावेजों पर एक नजर डालना चाहता हूं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ten − 1 =