बंगाल में फिर गर्माए ये घोटाले, शुभेंदु ने ममता के खिलाफ जांच की मांग की

कोलकाता (Kolkata) पश्चिम बंगाल (West Bengal) में इस वक्त शारदा चिटफंड (Saradha chit fund) और बहुचर्चित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले को लेकर राजनीतिक माहौल गरम है। बीजेपी (BJP) लगातार टीएमसी (TMC) पर निशाना साध रही है। इस बीच अब बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले  में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के खिलाफ जांच की मांग की है। इससे पहले भी उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री को खत लिखकर सीएम ममता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की तरफ से जारी एक ताजा नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए, अधिकारी ने एजेंसी की कार्रवाई को “तत्काल” और “सक्रिय” बताया. दरअसल, सीबीआई ने अभिषेक बनर्जी को राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में एजेंसी के सामने पेश होने को कहा था. हालांकि, अभिषेक बनर्जी के ट्वीट के बाद फिर से एक नोटिस भेजते हुए सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक इसे रोक दिया गया है।

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि सीबीआई बहुत अच्छा और सक्रिय काम कर रही है। राज्य सरकार के इतने असहयोग के बावजूद, एजेंसी त्वरित काम कर रही है। टीएमसी विधायक जीबन कृष्णा साहा ने अधिकारियों से उनका फोन छीनने की कोशिश की और सबूत नष्ट करने की कोशिश की। इसके मद्देनजर सीबीआई की कार्रवाई सही है और यह जारी रहनी चाहिए, वरना ममता और उनके लोग सारे सबूत मिटा देंगे।

उन्होंने आगे मांग की कि केंद्रीय एजेंसियां कथित शारदा घोटाला मामले में ममता बनर्जी की जांच करें। उन्होंने कहा कि अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों से बुआ-भतीजा (ममता और अभिषेक बनर्जी) के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करता की। अधिकारी ने पूछा सीबीआई के पास शारदा घोटाले के तहत ममता की जांच के लिए पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन यह जांच नहीं कर रही है। अगर दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीएम केजरीवाल से पूछताछ की जा सकती है, ममता से क्यों नहीं?

उन्होंने कहा कि इसी तरह अभिषेक बनर्जी के खिलाफ और उनके परिवार के कई सदस्यों की संलिप्तता के बारे में बहुत सारे सबूत हैं. बंगाल के लोग पूछ रहे हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लगातार उठा रहे हैं. इसे लेकर रैलियां और अभियान कर रहा हैं. अगर वह झूठ बोल रहे होते तो अभिषेक बनर्जी उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर करते।

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