कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने के अपराध में सजा के तौर पर जनजातीय समुदाय की चार महिलाओं को जमीन पर रेंगते हुए तृणमूल दफ्तर पहुंचने के लिए मजबूर करने के मामले में आखिरकार दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनकी पहचान आनंद रॉय और विश्वनाथ दास के तौर पर हुई है। दोनों तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इस गिरफ्तारी को लेकर भी सवाल खड़ा किया है। गुरुवार को पुलिस की ओर से गिरफ्तारी की सूचना जारी करने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वे केवल आई वास हैं।
असली अपराधी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। असली अपराधियों को ही बचाने के लिए इन दोनों को पकड़ा गया है। दरअसल जिला तृणमूल युवा की तत्कालीन अध्यक्ष प्रदीप्ता चक्रवर्ती पर आरोप लगे थे कि उन्होंने ही जनजातीय समुदाय की महिलाओं पर जमीन पर रेंगते हुए तृणमूल दफ्तर में आने को कहा था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें पद से भी हटा दिया था।
उन्हीं की गिरफ्तारी की मांग लगातार उठ रही थी।पिछले हफ्ते हुई इस घटना को लेकर राष्ट्रीय महिला अधिकार रक्षा आयोग ने भी राज्य पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है। इधर गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों को गुरुवार बालुरघाट जिला कोर्ट में पेश कर तीन दिनों की जेल हिरासत में भेज दिया गया है।
आरोप है कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोग आनंद और विश्वनाथ ने सीधे तौर पर हस्तक्षेप कर जनजातीय महिलाओं को जमीन पर रेंगने के लिए मजबूर किया था। हालांकि पुलिस का कहना है कि जिन महिलाओं को जमीन पर रेंगने के लिए मजबूर किया गया है उन्होंने कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है। इसलिए आरोपियों की शिनाख्त कर पाना संभव नहीं हो पा रहा।