कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा शहर की एक अदालत में सौंपे गये आरोपपत्र में नामजद नहीं किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह मामला शहर के एक व्यक्ति को रेलवे की एक कमेटी में जगह दिलाने का आश्वासन देते हुए उससे कथित तौर पर रुपये लेने का है। अधिकारी ने बताया कि हालांकि रॉय का नाम नौ पृष्ठों के आरोपपत्र में संदिग्धों की उस सूची में है।
पुलिस ने आरोपपत्र में तीन लोगों –रॉय के दो करीबी सहयोगियों और पुरूलिया निवासी एक व्यक्ति–को नामजद किया है। इन तीनों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप दर्ज किये गये हैं, जिनमें धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल और आपराधिक साजिश तथा आपराधिक धमकी शामिल है। उल्लेखनीय एक व्यक्ति ने 2019 में एक मामला दर्ज कर आरोप लगाया था
कि रॉय और आरोपपत्र में नामजद तीन अन्य लोगों ने उससे करीब 70 लाख रुपये ठग लिये। व्यक्ति ने दावा किया था कि इन लोगों ने उसे रेलवे की एक कमेटी में शामिल कराने का आश्वासन दिया था। जांच के बाद कोलकाता पुलिस ने भाजपा के मजदूर संघ के एक नेता सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया। शहर की एक अदालत ने रॉय के खिलाफ 2019 में गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद ने इस आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।