कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में विभिन्न नगर पालिकाओं में क्लर्कों और कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं के मामले में उनके द्वारा प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर इस मामले में एक अलग मामला दर्ज करने का फैसला किया है। पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती में करोड़ों रुपये के घोटाले के संबंध में निजी रियल एस्टेट प्रमोटर अयान सिल के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान एजेंसी के अधिकारियों ने राज्य में विभिन्न नगर पालिकाओं में भर्ती में इसी तरह की अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए।
सुशीला फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। ईडी के वकील ने पहले ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में दावा किया है कि राज्य में कई नगर पालिकाओं में इस तरह की अनियमितताएं स्पष्ट हैं और इस प्रक्रिया में कर्मचारियों और क्लर्कों के ग्रेड में लगभग 5,000 लोगों को करोड़ों रुपये के भुगतान के खिलाफ भर्ती किया गया था।
इस बीच, केंद्रीय एजेंसी द्वारा इस तरह के निष्कर्षों के मद्देनजर, पश्चिम बंगाल नगरपालिका मामले और शहरी विकास विभाग ने राज्य की सभी नगर पालिकाओं में एक स्टाफ ऑडिट करने का निर्णय लिया है। पता चला है कि प्रस्तावित स्टाफ ऑडिट तीन चरणों में किया जा सकता है।
पहले चरण में उन नगरपालिकाओं को शामिल किया जाएगा जो कोलकाता के करीब हैं। दूसरे चरण में, दक्षिण बंगाल के जिलों की शेष नगरपालिकाओं को कवर किया जाएगा। तीसरे और अंतिम चरण में ऑडिट उत्तर बंगाल में नगर पालिकाओं में होगा।