‘दीदी ओ दीदी’ कहने पर पीएम के ख़िलाफ क्यों नहीं होती कार्रवाई : अभिषेक

कोलकाता। लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी और पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधा है। टेलीग्राफ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता के शहीद मीनार ग्राउंड में आयोजित एक जनसभा में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता ने भी राहुल गांधी की तरह के बयान दिए हैं। ऐसे में उन्हें भी उसी तरह की सज़ा क्यों नहीं दी जानी चाहिए जो राहुल गांधी को दी गई है।

उन्होंने कहा कि “जिस तरह एक राजनीतिक टिप्पणी को केंद्र बना कर, ताकत के इस्तेमाल कर उन्हें सजा दी गई हम उसका विरोध करते हैं। पहले उन्हें दो साल की सज़ा हुई और उसके 24 घंटों के बीच उनकी सदस्याता रद्द की गई, हम उसका विरोध करते हैं। अख़बार के अनुसार उन्होंने सवाल किया, “राहुल गांधी ने नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी का नाम लिया। मैं उनके बयान का समर्थन नहीं करता और किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता।

लेकिन मैं ये पूछना चाहता हूं कि अगर मोदी सरनेम के इस्तेमाल से पूरे समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं तो प्रधानमंत्री मोदी की संसद की सदस्यता क्यों रद्द नहीं की जानी चाहिए। 2021 के चुनाव में उन्होंने बंगाल में ‘दीदी ओ दीदी’ कहकर क्या सभी महिलाओं की भावनाओं को आहत नहीं किया था? पूरी महिला जाति के ख़िलाफ़ टिप्पणी के लिए उन्हें सज़ा क्यों नहीं दी जानी चाहिए?”

“शुभेंदु अधिकारी ने ये कहकर ओबीसी समुदाय का अपमान किया था कि वीरबाहा हंसदा और देबनाथ हंसदा जैसे नेताओं को वो अपने जूते की नोंक पर रखते हैं, क्या उन्हें सज़ा नहीं दी जानी चाहिए। मैं सवाल करना चाहता हूं कि क्या अलग-अलग लोगों के लिए क्या क़ानून अलग-अलग है?”

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