कोलकाता : कोलकाता में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की एक विशेष अदालत ने अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) आतंकी समूह से जुड़े दो बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने के लिए मंगलवार को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
बांग्लादेश के जेसोर जिले के रहने वाले सहादत हुसैन (26) और ढाका के रहने वाले उमर फारूकी (27) को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दोषी ठहराया। इन दोनों को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने हुसैन पर 26 हजार रुपये का जुर्माना और फारूकी पर 33 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इन दोनों को नवंबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था।
पहले यह मामला 21 नवंबर को विशेष कार्यबल (एसटीएफ) द्वारा कोलकाता में दर्ज किया गया था। एबीटी बांग्लादेश में एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। यह मामला कोलकाता में एबीटी के पांच सदस्यों की गिरफ्तारी से जुड़ा है। एबीटी के गिरफ्तार किये गये चार सदस्य बांग्लादेशी नागरिक हैं जबकि एक भारतीय है। एनआइए ने एक मार्च, 2018 को इस मामले को अपने हाथ में लिया था।
एनआइए की जांच में खुलासा हुआ कि एबीटी के ये बांग्लादेशी सदस्य 2016 में भारत में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश को अंजाम देने के लिए देश में घुसे थे। ये आतंकवादी हैदराबाद, पुणे और मुंबई में रूके थे। गिरफ्तार किये गये तीन अन्य सदस्यों के खिलाफ अदालत में सुनवाई जारी है।