तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : खड़गपुर नगरपालिका के लंबे समय तक चेयरमैन रहे रविशंकर पांडेय पर कथित हमले की साजिश की सनसनीखेज घटना और मामले में एक की गिरफ्तारी की वारदात से इन दिनों शहर स्तब्ध है । पुलिस जहां खामोशी से मामले की छानबीन मैं जुटी है , वहीं लोगों में वाकये को लेकर भारी कौतूहल है । जानकारी के मुताबिक रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि कुछ कुख्यात बदमाश शहर में छिपे हैं । उसके साथ दो बाहर से आए पेशेवर अपराधी भी हैं । वे शहर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है । सूचना मिलते ही दबिश देकर पुलिस ने एक बदमाश लक्ष्मण राव को दबोचने में कामयाबी हासिल की जबकि अन्य चकमा देकर भागने में सफल हो गए ।
आरोपित के पास से असलहा भी बरामद हुआ । पूछताछ में आरोपित के कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस की जिला समिति के उपाध्यक्ष व खड़गपुर नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन रविशंकर पांडेय पर हमले का इरादा बताए जाने से अधिकारियों के होश उड़ गए , वहीं शहर में भी सनसनी फैल गई । पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है । हालांकि समाचार प्रेषण तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका था ।
बता दें कि पांडेय पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में शामिल रहे हैं । वे 1990 से कांग्रेस के टिकट पर सभासद चुने जाते रहे । 1995 से 2010 तक वे स्थानीय नगरपालिका के चेयरमैन रहे । हालांकि 2010 के पालिका चुनाव में उन्हें झटका लग गया और कुर्सी उनके हाथ से निकल गई । यद्यपि दो साल बाद अदालत के हस्तक्षेप से वे फिर चेयरमैन बने । लेकिन 2015 में हुए विवादित घटनाक्रम के बाद टीएमसी ने शहर में बोर्ड बना लिया । इसके बाद शहर की राजनीतिक तस्वीर तेजी से बदलती गई और कुछ महीने बाद पांडेय अपने कुछ सभासदों के साथ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए । पार्टी ने उन्हें खड़गपुर टाउन कमेटी का अध्यक्ष बनाया । हाल में वे जिला समिति में उपाध्यक्ष बनाए गए ।
2015 के नाटकीय घटनाक्रम को छोड़ काफी लंबा होते हुए भी पांडेय का राजनैतिक जीवन निर्विवाद ही रहा है । ऐसे में यह समझना मुश्किल है कि उन पर कथित हमले की साजिश के पीछे आखिर क्या राज हैं । जबकि फिलहाल न तो पांडेय सत्ता प्रतिष्ठान के किसी बड़े पद पर हैं और न ऐसे किसी ओहदे पर कि रंजिश या प्रतिद्वंद्विता की जमीन तैयार हो । फिलहाल मामले पर उच्चाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं । अलबत्ता खुद पांडेय ने बातचीत में कहा कि उन्हें इस आशय की सूचना मिली है । लेकिन वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर इसकी वजह क्या हो सकती है ।