नयी दिल्ली। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को मिले मुआवज़े की राशि को बढ़ाने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार ने साल 2010 में क्यूरेटिव याचिका दायर कर यूएस की कंपनी यूनियन कार्बाइड (अब डाव केमिकल्स के स्वामित्व वाली) से भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवज़े की मांग की थी। याचिका में यूनियन कार्बाइड से करीब 7800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग की गई थी।
साल 2010 में दायर याचिका में यूनियन कार्बाइड से करीब 7800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवज़ा दिलाने की मांग की गई थी। लाइव लॉ की खबर के अनुसार जस्टिस एसके कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस ए.एस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके महेश्वरी की पीठ ने 12 जनवरी 2023 को ही इस मामले में अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार की याचिका कानूनी सिद्धांतों पर खरी नहीं उतरती। सुप्रीम कोर्ट ने गैसकांड पीड़ितों के मुआवज़ों को लेकर बरती गई लापरवाही को लेकर केंद्र सरकार को फटकारा भी। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार खुद पीड़ितों के लिए बीमा पॉलिसी नहीं ला सकी। ऐसे में वो इस अदालत से यूनियन कार्बाइड पर ज़िम्मेदारी डालने के लिए नहीं कह सकती।