अशोक वर्मा, कोलकाता। क्या राष्ट्रवाद का मुद्दा दिलाएगी 2024 में भाजपा गठबंधन को जीत या महंगाई के मुद्दों से विपक्षी करेंगे भाजपा को चित किंतु प्रश्न उठता है की कैसे? जहां एक तरफ भाजपा स्वर्णिम भारत, भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने एवं राष्ट्र को विश्व के शिखर पथ पर ले जानें की कोशिश में लगी है वही विपक्ष सत्ता सुख भोगनें की फिराक में एक दूसरों को छोटा दिखाने व अपनें कार्यकर्ताओं को जो भ्रष्टाचार में लिप्त है उन्हें इस दलदल से निकालने में परेशान है चाहें वो किसी भी दल के लोग हों। फिर भी सबके सब अपनें आप को प्रधानमंत्री के दावेदार बतलाते है। हाल हीं में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ा और लालू प्रसाद यादव द्वारा निर्मित पार्टी आरजेडी का हाथ थाम लिया। यह भी इसलिए की नीतीश कुमार को भी प्रधानमंत्री के फेहरिस्त में खड़ा होना है। ये जानते हुए की कोर्ट की नजर में आरजेडी के मुखिया एक घोटाले के मुजरिम है और अभी भी वो सजा काट रहे हैं। पूरब से पश्चिम उतर से दक्षिण चारों तरफ से जो क्षेत्रीय पार्टियों के नेता है उन्हें सत्ता सुख चाहिए जिसके लिए वो सब कुछ करनें को तैयार हैं जिससे सत्ता हासिल हो सके।
अब ये देखना है की क्या भारत के लोगों को सुख शांति और विकास जैसे मुद्दे पसंद आते है या महंगाई का रोना। जहां एक तरफ हमारे पड़ोसी देश अपनी विपन्नता को लेकर परेशान है वहीं जिसे हम आर्थिक संपन्न देश कहते है वो भी अपनें कर्ज़ के बोझ से परेशान है वहीं भारत पूरे विश्व में आर्थिक रूप से सबसे बड़ा सुपर पावर बनने जा रहा है जो इस सरकार की अहम कड़ी है।यही नहीं भारत की जनता यह कैसे भूल सकती है की इस सरकार ने कोरोना जैसी महामारी में न केवल फ्री वैक्सीनेशन मुहैया करवाया अपितु फ्री राशन भी लोगों तक पहुंचाया। यह क्या उन तमाम लोगों के लिए आत्म चिंतन का विषय नहीं है। राष्ट्र बदल रहा है और बदलेगा यह तब संभव है जब निहित स्वार्थ छोड़कर भारत के लोग राष्ट्रचिंतन करेंगे तभी राष्ट्रवाद कायम होगा। यह चिंतन तब कायम होगा जब लोगों को लगेगा की इस राष्ट्र का मुखिया गरीबों के लिए भी सोचता है।
आज उसी सोच के तहत लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, बेघरों के लिए प्रधान मंत्री आवास योजना, मजदूरों के लिए मनरेगा योजना उन तमाम लाभुकों को सही पैसा उनके खाते में पहुंचे उसके लिए जनधन खाता, गरीब मां बहनों के लिए उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, अंत्योदय अन्न योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री हेल्थ आईडी कार्ड, लेबर कार्ड योजना, लेबर रजिस्ट्रेशन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जन जागृति सुकन्या समृद्धि योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना, प्रधानमंत्री समर्थ योजना, पशुपालन योजना, बाल विकास योजना जैसी न जानें और कितनी योजनाएं भाजपा (राजग) सरकार ने चला रखी है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। यह तब संभव हो पाया है जब पूरी दुनियां के देश कर्ज़ में डूबे हैं और कई देश दिवालिया होने के कगार पर है।
एक तरफ जहां IMF का अनुमान है की 2023 के अंत तक भारत की GDP दर 8.5 फीसदी होगी जो अमेरिका और चीन को भी पीछे छोड़ देगा। एक कहावत है की जिस परिवार में कर्ज़ का बोझ न रहे उस परिवार में सुख शांति बनी रहती है यह कहावत देश पर भी लागू होता है। जिसकी इज्जत हर लोग करते हैं। अभी एक ताज़ा आंकड़े के अनुसार आर्थिक सुपर पावर बनने की लिस्ट में भारत की स्थिति सभी देशों से बेहतर है। एक नजर अगर तमाम देशों के अर्थव्यवस्था पर दिया जाए तो चौंकाने वाले नतीजे सामने होंगे। आइए देखते है किस देश में कितने कर्ज है। अरब डालर में कर्ज़- अमेरिका 30400, चीन 13000, इंग्लैंड 9020, फ्रांस 7320, वहीं भारत केवल 620 अरब डालर कर्ज के साथ अर्थव्यवस्था में सुपरपावर बनने के कगार पर है। यह मोदी के अथक प्रयास और उनके सहयोगी नेताओं की वजह हुआ है।
दूसरी तरफ़ विपक्ष तमाम पार्टियों को लेकर महंगाई पर सरकार को घेरनें की फिराक में है ऐसे में ये देखना है की विपक्ष में कौन सी पार्टी के कौन से लोग है जो मोदी से मुकाबला कर सकेंगे जो अब तक प्रधानमंत्री पद के लिए एक नहीं हो पाए है। कारण की जितनी पार्टियां उतने प्रधानमंत्री के दावेदार। अब तो आप के दावे पर विपक्ष में फिर से खींचतान शुरू हो गई है। यह तब हुआ जब मनीष सिसोदिया के ऊपर आबकारी विभाग में घोटालों का आरोप लगाया है। पहले सतेन्द्र जैन फिर आम आदमी पार्टी के हेवीवेट नेता मनीष सिसोदिया के घर घोटालों की सबूत तलाश रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने एक नए जंग का ऐलान कर दिया है बीजेपी के खिलाफ़। अब तो आम आदमी पार्टी खुल कर कहनें लगी है की मोदी को हराने के लिए सही विकल्प अरविंद केजरीवाल ही है। इतना ही नहीं आप नेता दुर्गेश पाठक ने दावे के साथ कहा है की 2024 चुनाव में आम आदमी पार्टी के केजरीवाल ही प्रधानमंत्री बनेंगे। इनके अनुसार 2024 की लड़ाई मोदी बनाम अरविंद केजरीवाल होने जा रहा है।
किंतु प्रश्न उठता है की केजरीवाल के नाम पर सारी पार्टियां एक होंगी जो अरविंद केजरीवाल को गंभीरता से नहीं लेती, कुछ का तो कहना है की केजरीवाल राजनीति में अभी नए है। टीएमसी ने तो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ़ अपनी आवाज मुखर कर दी है। आम आदमी पार्टी के खिलाफ टीएमसी नेता स्वयं पुरोहित ने कहा है की जिस आम आदमी पार्टी के पास एक सांसद नही है फिर भी वो (अरविंद केजरीवाल) प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे है। स्वयं पुरोहित ने यहां तक कह डाला की इस बार 2024 का चुनाव भारत की जनता बनाम भारतीय जनता पार्टी होगी जिसमें विपक्ष से प्रधानमंत्री की उम्मीदवार ममता बनर्जी होंगी, तो दूसरी तरफ बिहार से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में नीतीश कुमार का नाम बड़े ही जोर शोर से उठने लगा है।
अब ऐसे में देखना है की भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस क्या मौन साधेगी या फिर वो भी अपनें पार्टी से राहुल गांधी या प्रियंका गांधी के नाम के साथ प्रधानमंत्री के दावेदारी के लिए उतरेगी। कुल मिलाकर विपक्ष अब भी बंटे हुए है और तय करना है की प्रधानमंत्री का दावेदार कौन होगा। यह भारत की जनता पर निर्भर करता है की वो जिसे चाहेगी वही भारत यानी स्वर्णिम भारत का प्रधानमंत्री बनेगा।किंतु ऐसे में यह न हो की भारत की जनता किसी गलतफहमी में पड़ कर भूल निर्णय न ले ले। भारत हर कदम आगे बढ़ रहा है भारत को शिखर पर पहुचानें के लिए हर भारतीय को सजग रहने की जरूरत है, जहां रोटी, कपड़ा और मकान, शिक्षा, चिकित्सा की कोई कमी न हो और विश्व में अपना एक सम्मान मिल सके। यह जो देने में सक्षम होगा भारत की जनता उसे ही चाहेगी।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी व व्यक्तिगत है। इस आलेख में दी गई सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई है।)