कोलकाता। कोरोना के समय प्रवासी श्रमिकों की संख्या नहीं बताने को लेकर आलोचनाओं में घिरी पश्चिम बंगाल सरकार से अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी यही पूछा है। मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में हलफनामा के जरिए राज्य से यह रिपोर्ट मांगी है कि राज्य के प्रवासी श्रमिकों की संख्या कितनी है। न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें दावा किया गया है कि राज्य सरकार के पास दूसरे राज्यों या दूसरे देशों में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या का कोई आकलन नहीं है।
यह भी कहा गया था कि कोरोना के समय जब राज्य के लोग दूसरे देशों और अन्य राज्यों में फंस गए थे तब उन्हें वापस लौटाने को लेकर राज्य सरकार के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी जिसकी वजह से काफी समस्याएं हुईं। प्रधान न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता विश्वजीत मुखर्जी ने दावा किया कि पिछले 12 सालों से राज्य सरकार के पास प्रवासी श्रमिकों की पूरी स्पष्ट संख्या नहीं है। 2011 में ममता बनर्जी की सरकार बनी उसके बाद से आरटीआई के जरिए लगातार यह पूछा गया है लेकिन कोई जवाब नहीं दिया जाता। इसके बाद ही कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा के जरिए इसका जवाब देने को कहा है।