नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना में लिंग-समानता को साबित करने वाले एक कदम के तहत सब-लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी तथा सब-लेफ्टिनेंट रिति सिंह को नौसेना के युद्धपोत पर क्रू के रूप में तैनात किया जाएगा। भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार दो महिला अफसरों को वॉर शिप पर तैनात किया जाएगा। बता दें कि इन्हें एयर नेविगेशन, फ्लाइंग प्रोसीजर्स, हवाई युद्ध के दौरान की आजमाई जाने वाली तरकीबों, ऐंटी-सबमरीन वारफेयर के अलावा एवियॉनिक सिस्टम्स की भी ट्रेनिंग दी गई है।
हालांकि भारतीय नौसेना कई महिला अधिकारियों को भर्ती करती रही है, लेकिन अब तक महिला अधिकारियों को युद्धपोतों पर लम्बे अरसे के लिए तैनात नहीं किया गया है, जिसके पीछे कई कारण हैं – क्रू क्वार्टरों में निजता की कमी तथा महिलाओं के लिए विशेष बाथरूम व्यवस्था की उपलब्धता न होना।
इन दोनों महिला अधिकारियों को हेलिकॉप्टर स्ट्रीम में ऑब्जर्वर (एयरबोर्न टैक्टिशियंस) के पद में शामिल होने के लिए चुना गया है। लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह को भारतीय नेवी के युद्धक पोतों पर ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया है।
नौसेना ने इस ऐतिहासिक कदम के लिए 17 ऑफिसर्स में से इन दो को चुना है। बता दें कि भारतीय नौसेना के 17 अधिकारियों के एक समूह का हिस्सा हैं, जिन्हें आईएनएस गरुड़, कोच्चि में 21 सितंबर को आयोजित एक समारोह में “ऑब्जर्वर” (एयरबोर्न टैक्टिस) के रूप में स्नातक होने पर “विंग्स” से सम्मानित किया गया।
सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह नौसेना के मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों में लगे सेंसरों को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग ले रही हैं. माना जा रहा है कि ये दो अधिकारी नौसेना के नए एमएच-60 आर हेलीकॉप्टरों में उड़ान भरेंगी। एमएच-60 आर हेलीकॉप्टरों को अपनी श्रेणी में दुनिया में सबसे अत्याधुनिक मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर माना जाता है।
इसे दुश्मन के पोतों और पनडुब्बियों को डिटेक्ट करने और उन्हें उलझाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वर्ष 2018 में तत्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉकहीड-मार्टिन द्वारा निर्मित हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंज़ूरी दी थी, जिसका मूल्य लगभग 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर था।
भारतीय नौसेना के इस ऐतिहासिक फैसले से फ्रंटलाइन जंगी जहाजों पर महिलाओं की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। दोनों महिला अधिकारी भारत की पहली महिला एयरबोर्न टैक्टीशियंस होंगी जो जंगी जहाजों के डेक से काम करेंगी। इसके तहत, वॉरशिप पर एयरक्राफ्ट को टेकऑफ और लैंड कराया जाता है।
इसके पहले महिला अफसरों को फिक्स्ड विंग एयरकॉफ्ट तक सीमित रखा गया था। नेवी के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने बताया है कि ये दोनों अधिकारी इतिहास में पहली बार आधिकारिक तौर पर किसी भी युद्ध की स्थिति में वॉरशिप में शामिल होने वाली महिलाएं होंगी।
महिला अधिकारियों की युद्धपोतों पर तैनाती की ख़बर ऐसे वक्त में सामने आई है, जब भारतीय वायुसेना (IAF) ने भी महिला लड़ाकू पायलट को राफेल विमानों की फ्लीट को ऑपरेट करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है।