कोलकाता। केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच विभिन्न मौकों पर राज्य में केंद्रीय सशस्त्र बलों के जवानों की तैनाती पर होने वाले खर्च को लेकर एक नया विवाद छिड़ गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार बलों की तैनाती के उद्देश्य से किए गए खर्च को वहन करने में राज्य के हिस्से के बकाये का भुगतान नहीं कर रही है। यह इंगित करते हुए कि पश्चिम बंगाल अक्सर राज्य को केंद्रीय बकाये का भुगतान न करने पर मुखर होता है। सीतारमण ने कहा कि लंबित केंद्रीय बकाये पर आपत्ति जताना ठीक नहीं है।
यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि केंद्र सरकार भी गैर-राशि पर आपत्ति उठा सकती है। केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के लिए वहन किए गए खर्च में राज्य सरकार के हिस्से का भुगतान। उन्होंने कहा कि जब भी कोई राज्य केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती की मांग करता है तो केंद्र उसका पालन करता है। “यह पश्चिम बंगाल के मामले में भी किया गया था लेकिन इस मद में राज्य सरकार का 1,841 करोड़ रुपये बकाया है।’
राज्य सरकार ने शनिवार को जवाबी बयान जारी कर सीतारमण के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। बयान में दावा किया गया है कि चूंकि केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों को भारत के चुनाव आयोग के कार्यालय की निगरानी में चुनाव उद्देश्यों के लिए तैनात किया गया था, इसलिए राज्य सरकार द्वारा खर्च का हिस्सा वहन करने का सवाल ही नहीं उठता।