कोलकाता। केंद्रीय बजट 2023-24 पर विभिन्न दलों के नेताओं, विशेषज्ञों और व्यवसायियों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है, तो आइए जानते हैं इनमें से कुछ की प्रतिक्रिया…
माकपा ने कहा : केंद्र का चुनावी बजट है। केंद्रीय बजट को माकपा ने दिशाहीन करार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सुजन चक्रवर्ती ने कहा है कि यह बजट मूल रूप से केंद्र के दुलारे उद्योगपतियों के लिए है। इसमें दिखाया गया है कि आम लोगों और मध्यम वर्ग के लिए अच्छे प्रावधान है लेकिन जमीनी तौर पर इसकी कोई उपलब्धता नहीं है। यह पूरी तरह से चुनावी बजट है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है। आम लोगों को जो भी देने की घोषणा की गई है उससे अधिक आम लोगों से केंद्र ने वसूला है। यह पूरी तरह से केंद्र के निजी स्वार्थ केंद्रीत बजट है। इसका आम लोगों से कोई लेना-देना नहीं।
सीआईआई ने कहा : स्वागत योग्य है बजट, विकास में मददगार। केंद्रीय बजट की सराहना सीआईआई के अध्यक्ष संजीव बजाज ने किया है। उन्होंने कहा है कि आम बजट भारत के हरित विकास, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरी कायाकल्प सहित ग्रामीण भारत को नई दिशा देने वाला है। उन्होंने कहा है कि भारत का यह अमृत बजट आजादी के 100 वर्ष के मौके पर अगले 25 वर्षों के लिए रोड मैप तैयार करने वाला है। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर में पूंजीगत व्यय 33 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, घरेलू उत्पाद में 6.4 फ़ीसदी की बढ़ोतरी और मेडिकल तथा शिक्षा क्षेत्र में नई घोषणाएं देश के बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है कि यह बजट विकासोन्मुखी है जो आर्थिक रूप से भारत को नई शक्ति के तौर पर उभारेगा। यह 2047 के नए भारत के मजबूत नींव का बजट है। सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा है कि आम बजट ऐतिहासिक है। यह विवेकपूर्ण राजकोषीय को बनाए रखते हुए अर्थव्यवस्था को पर्याप्त गति देगा। नए भारत के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाला बजट है।
सीताराम शर्मा ने कहा : वित्तमंत्री का लोक-लुभावना चुनावी बजट है। 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा और 2024 का लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जैसी उम्मीद थी, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोक-लुभावना चुनावी आम बजट पेश किया है। आयकर में छूट के माध्यम से मध्यमवर्ग को खुश करने का प्रयास किया गया है, लेकिन किसानों के लिये कोई खुशखबरी नहीं है। फिजिकल डेफिसिट के प्रश्न पर भी कोई स्पष्ट नीति उभरकर नहीं आयी है। बेरोजगारी जो कि सबसे बड़ा मुद्दा है, उस सम्बंध में किसी ठोस नीति का अभाव स्पष्ट दिख रहा है।
पिछले पांच वर्षों से प्रति व्यक्ति आय ज्यों का त्यों है। इसी तरह 2022 तक आवास नीति के अन्तर्गत सबको घर देने का सरकारी आश्वासन के विषय में बजट में कोई चर्चा नहीं है। हाल के दिनों में सम्भवतः यह पहला बजट है जिसमें रक्षा क्षेत्र के विषय में कोई चर्चा नहीं की गयी है। रेलवे के बजट में नौ गुणा वृद्धि विशेषकर निजी क्षेत्र में निवेश के माध्यम से, सही दिशा में कदम है। मिला-जुला कर इसे एक चुनावी बजट कहा जा सकता है।
कुलदीप माइती ने कहा : प्रगतिशील और विकासोन्मुखी बजट। केंद्रीय बजट पर कोलकाता स्थित माइक्रोफाइनेंस संस्थान वीएफएस के एमडी और सीईओ कुलदीप माइती ने कहा है कि यह बजट प्रगतिशील और विकासन्मुखी है। उन्होंने कहा है, ‘मैं एक प्रगतिशील और विकासोन्मुखी बजट पेश करने के लिए माननीय वित्त मंत्री को बधाई देना चाहता हूं। केंद्रीय बजट 2023 में ग्रामीण क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं, बुनियादी ढांचे के निर्माण पर अधिक जोर दिया गया है और यह एक विकसित भारत के निर्माण में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
हम एमएसएमई क्षेत्र के लिए घोषित उपायों का भी स्वागत करते हैं। संशोधित क्रेडिट गारंटी योजना के लिए नौ हजार करोड़ के आवंटन से सूक्ष्म उद्यमों के पुनर्जीवन की उम्मीद है। यह भारत में एमएसएमई क्षेत्र के विकास के अगले स्तर को आगे बढ़ाएगा। हम यह भी मानते हैं कि आज घोषित किए गए सुधार महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगे क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उद्यमियों ने अपने स्वयं के सूक्ष्म और लघु उद्यम स्थापित करके भारतीय अर्थव्यवस्था में मूल्य जोड़ने की अपार क्षमता दिखाई है।
सीएस अशोक पुरोहित ने कहा : आमआदमी की कार्य क्षमता व नये व्यापार के लिए सहयोगी। विप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सीएस अशोक पुरोहित ने केंद्रीय बजट की सराहना की है। उन्होंने कहा है, “सरकार द्वारा कार्यरत युवायों के लिए कौशल विकास योजना व कार्य के पूर्व स्टाइपेंड सहयोग योजना युवाओं की कार्य क्षमता को गति देगा। इन योजनाओं से युवाओं में कार्य क्षमता तो बढ़ेगी ही साथ ही कार्य का सही मार्ग दर्शन भी मिलेगा। देश में 50 जगहों पर टूरिज्म सेन्टर की स्थापना से नए व्यापार के स्रोत होंगे व राजगार का भी सर्जन होगा।
कैपिटल एक्सपेंडिचर का बड़ा बजट इन्फ्रास्ट्रक्चर छेत्र को मजबूत करने में राहयोगी होगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के तीन इंस्टिट्यूट से शिक्षा छेत्र में भी युवाओं को बहुत लाभ होगा। ऐसी शिक्षा के लिए देश मे व्यस्था करना दूरदर्शिता का प्रतिक है। G20 के उद्देश्यों को नजर रखते हुए पर्यावरण सरंक्षण के तहत भी ग्रीन एनर्जी पर विशेष जोर दिया गया है। छोटे व सूक्ष्म उद्योग के नियमों में परिवर्तन भी उनको बढ़ने में सहयोग देंगे। आम आदमी की दिक्कत थी तमाम तरह के पहचान पत्र, अब पैन कार्ड ही पहचान पत्र रहेगा।”
अमित शर्मा ने कहा : एमएसएमई को नया जीवन देने वाला बजट। विप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के निर्देशक अमित शर्मा ने भी बजट की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि यह बजट सही मायने में विशेष रूप से सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के लिए प्रमुख विकास बिंदुओं के साथ एक केंद्रित और विकासशील बजट है। बजट में बहुत सारी बारीकियों को गहराई से छुआ गया है। इस बजट को विकास और सकारात्मकता का समग्र प्रतिबिंब कहा जा सकता है। आयकर में सात लाख तक की छूट भी स्वागत योग्य है। सरकार मध्यम आकार के व्यवसायों को सशक्त बनाने और उन्हें मूल्यवान मंच व विकास क्रम यानी चक्रों के साथ आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक प्रतीत हो रही है। हम आगे आने वाले कुछ अच्छे समय की आशा करते हैं ताकि समग्र अर्थव्यवस्था समृद्ध और विकसित हो सके।”
ऋषभ कोठारी ने कहा : देश के विकास और रोजगार को गति देने वाला है बजट। केंद्रीय बजट की सराहना मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एमसीसीआई) के चेयरमैन रहे ऋषभ कोठारी ने की है। हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा है कि नया बजट विकास और रोजगार को भारी गति देने वाला है। कोठारी ने कहा, “वित्त मंत्री ने विकासोन्मुखी बजट पेश किया है। बुनियादी ढांचे पर जोर देने से विकास और रोजगार को भारी गति मिलेगी। संशोधित कर स्लैब करदाता और आम आदमी के हाथों में अधिक पैसा सुनिश्चित करेगा और यह एक स्वागत योग्य कदम है। कुल मिलाकर एक सकारात्मक और स्वागत योग्य बजट है।”
राजेंद्र खंडेलवाल ने कहा : नए भारत का है बजट। केंद्रीय बजट की सराहना धनवंतरी समूह के चेयरमैन व मशहूर उद्योगपति राजेंद्र खंडेलवाल ने की है। उन्होंने कहा है कि नया बजट 2023-24 नए भारत का बजट है। यह गांव खेत खलिहान का बजट है। उन्होंने कहा कि 70 से 80 फीसदी ग्रामीण आबादी के सर्वांगीण विकास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ, गरीबों के लिए मकान, मुफ्त में अनाज देने का जो प्रावधान है इससे ग्रामीण भारत का सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने 150 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इससे अधिक से अधिक संख्या में चिकित्सा के क्षेत्र में भारत में मैन पावर की बढ़ोतरी होगी।
यह नए भारत और स्वस्थ भारत के निर्माण में मददगार साबित होगा। उन्होंने भारत में दवाओं के निर्माण पर सब्सिडी और इंसेंटिव की सराहना करते हुए कहा कि पहले जब विदेशों से दवाइयां मंगाई जाती थीं तो जीवन रक्षक दवाइयों की कीमत बढ़ जाती थी। अब जबकि भारत में निर्माण पर इंसेंटिव मिलेगा तो इससे भारत में उद्योग में भी बढ़ोतरी होगी और दवाइयों की कीमत घटेगी। इलाज सस्ता होगा और स्वस्थ भारत के निर्माण में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर देश के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए बहुत ही अच्छा बजट है।
चंद्रशेखर घोष : देश के विकास में दूरगामी प्रभावी है बजट। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बुधवार को पेश किए गए आम बजट की सराहना बंधन बैंक के सीईओ चंद्रशेखर घोष ने की है। उन्होंने कहा है कि यह बजट देश के दूरगामी विकास में बेहद प्रभावी साबित होगा। उन्होंने कहा कि बजट में वरिष्ठ नागरिकों, छात्र-छात्राओं, मेडिकल की पढ़ाई करने वालों, एमएसएमई के लिए बहुत ही उम्दा प्रावधान किया गया है। खासतौर पर पैन कार्ड को पहचान पत्र के तौर पर सहमति देने को लेकर उन्होंने बजट की सराहना करते हुए घोष ने कहा कि इससे देश के किसी भी दूसरे हिस्से में जाने वाले लोग आसानी से अपना खाता खुलवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि पहले खाता खुलवाने के लिए स्थानीय पहचान पत्र की जरूरत होती थी लेकिन पैन कार्ड को सहमति मिल जाने के बाद यह समस्या नहीं होगी।
इसके अलावा किसी भी देश के विकास में सुक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग सबसे अधिक सहायक सिद्ध होते हैं। इन्हें पुनर्जीवित करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है जो बेहद ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर को बढ़ाकर आठ फ़ीसदी किया गया है जो उनके जीवन यापन में और मददगार साबित होगा। खास तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर में 10 लाख करोड़ के बजट प्रावधान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे निवेश बढ़ेंगे, उद्योग बढ़ेंगे, लोगों को रोजगार मिलेगा, छोटे-छोटे उद्योग विकसित होंगे जो देश के आर्थिक विकास पर दूरगामी प्रभावी होगा।
सज्जन बंसल ने कहा : विकासोन्मुखी है आम बजट। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बुधवार को पेश किए गए आम बजट की सराहना मशहूर उद्योगपति सज्जन बंसल ने की है। भारत के सबसे बड़े पावर टी एंड डी निर्माता “स्कीपर्स लिमिटेड” के निदेशक बंसल ने कहा कि यह बजट विकासोन्मुखी है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग और उद्योग जगत तीनों के लिए बजट नई संभावनाओं वाला है। जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना का फंड 66 फ़ीसदी बढ़ाया गया है। इससे अधिक से अधिक मकान का निर्माण होगा और गरीबों को रोजगार मिलेगा।
इसके अलावा केंद्रीय फंड से आवास निर्माण में उद्योग जगत को भी काम मिलेगा। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो पिछले साल के मुकाबले 33 फ़ीसदी ज्यादा है। यह देश के दूर गामी विकास में सबसे अधिक मददगार होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का इंफ्रास्ट्रक्चर जितना विकसित होगा वह देश आर्थिक तौर पर उतना ही विकसित होगा। भारत में लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास नए निवेश, उद्योग को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में मददगार साबित होने वाला है।
इसके अलावा लेह और लद्दाख में नई रेलवे लाइन निर्माण के लिए 20 लाख करोड़ बजट का आवंटन किया गया है जो देश के सुदूर क्षेत्रों में परिवहन और संपर्क बहाल करने में मील का पत्थर साबित होगा। इससे औद्योगिक घरानों को भी बेहद लाभ होने वाला है। साथ ही ग्रीन एनर्जी के लिए भी नया आवंटन किया गया है। अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए आवंटन हुआ है जो पर्यावरण के लिए भी बेहद लाभदायक साबित होने वाला है। कुल मिलाकर कहें तो यह बजट देश के आर्थिक विकास और मजबूती में बेहद मददगार साबित होने वाला है।
तृणमूल सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा : बजट का आम लोगों से कोई संबंध नहीं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बुधवार को संसद में पेश किए गए आम बजट पर तृणमूल कांग्रेस के आसनसोल से सांसद और वरिष्ठ अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बजट को आम जनता विरोधी और उद्योग जगत को लाभ पहुंचाने वाला करार दिया है। उन्होंने इशारे इशारे में कहा है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह बजट पेश किया गया है जिसमें आम लोगों को कुछ भी मिलने वाला नहीं है।
मध्यम वर्ग के लोगों को भी कोई लाभ नहीं होगा। केवल चुनावी लाभ और केंद्र के अपने कारोबारी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि बजट में ना तो गरीबों के लिए कुछ है ना महिलाओं के लिए अलग से कुछ है। बुजुर्ग नागरिकों, किसानों के लिए भी कोई नया प्रावधान नहीं है। पुरानी डफली बजाई गई है।