कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी आनंद बोस (C.V.Aanand Bose) की जुबान पर ‘जय बांग्ला’ का स्लोगन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राजभवन में हाथेर खड़ी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ राज्यपाल बोस ने ‘जय बांग्ला’ के नारे लगाए थे। वहीं इसी मामले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यपाल को दिल्ली बुलाया। कार्यक्रम के खत्म होते ही राज्यपाल दिल्ली रवाना हो हए। इधर जय बांग्ला के स्लोगन को लेकर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने कड़ी नाराजगी जताई है। इसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है।
जय बांग्ला के स्लोगन को लेकर प्रदेश बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल की जुबान पर बांग्लादेश का ‘जय बांग्ला’ स्लोगन शोभा नहीं देता है लेकिन इसमें राज्यपाल का कोई दोष नहीं है। ‘जय बांग्ला’ बांग्लादेश का नारा है। उन्होंने कहना है कि राज्यपाल को बिना बताए यह सत्तारुढ़ पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने स्लोगन राज्यपाल से कहलवाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य टीएमसी मंत्रियों ने जैसा बताया है वैसे ही राज्यपाल ने नारे लगाए हैं।
‘जय बांग्ला’ से स्लोगन को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘जय बांग्ला भारत का नारा नहीं है। राज्यपाल को समझाया नहीं गया है कि जय बांग्ला नारे का मतलब बंगाल की जीत है। उन्होंने दावा किया कि जय बांग्ला का नारा भारत का नहीं है। यह बांग्लादेश का ‘राष्ट्रीय नारा’ है। इसका इस्तेमाल पहले मुजीबुर रहमान ने किया, फिर उनकी बेटी शेख हसीना ने। अब हसीना की पार्टी अवामी लीग अपनी सभाओं, संघों, सभाओं, जुलूसों में यह नारा देती है। सरकारी कार्यक्रमों में भी यही नारा देते हैं लेकिन यह नारा भारत या पश्चिम बंगाल में काम नहीं करता।’