पूरे देश में मकर संक्रांति की धूम

नयी दिल्ली। पूरे देश में शनिवार को मकर संक्रांति उत्साह और हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया।हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार का विशेष महत्व है। मकर सक्रांति का त्योहार धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक नजरिए से खास होता है। हिंदू धर्म में जहां पर सभी त्योहारों की गणना चंद्रमा की गणना पर तिथियों के अनुसार मनाया जाता है, वहीं मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य पर आधारित पंचांग की गणना के आधार पर मनाया जाता है। सौर कैलंडर के अनुसार हर वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाई जाती है।

इस पावन त्यौहार को कई लोग खिचड़ी के नाम से जानते हैं तो कई लोग पोंगल के नाम से भी जानते हैं। इस दिन गंगा स्नान करना भी काफी शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति के मौके पर लोग चूड़ा-दही के साथ तिलवे का भी लुत्फ उठाते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में आज बच्चे , युवा और अन्य आयुवर्ग के लोगों ने पतंग उड़ाने का आनंद उठाया। कई स्थानों पर पतंगबाजी महोत्सव का भी आयोजन किया गया।

विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न दलों के नेताओं ने लोगों विशेषकर किसानों को इन पर्वाें और नई फसल के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनायें दीं।
उत्तर प्रदेश के झांसी में नगर निगम ने मकर संक्रांति के अवसर पर आज किले के सामने पार्क में आमजन के साथ मिल पतंग महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया और इसके माध्यम से नगरवासियों को पुरानी विरासत को मनाने के साथ स्वच्छता का संदेश दिया।

नगर निगम द्वारा आयोजित ‘स्वच्छ विरासत’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें नगरवासियों के साथ निगम के पदाधिकारियों ने मिलकर पतंग उड़ायी । इस तरह पुराने रीति रिवाजों के साथ आज के समय की कूडा निस्तारण की एक बडी समस्या को लेकर आम लोगों को भी जागरूक करने के मकसद से इस पतंगबाजी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपर नगरआयुक्त मो़ कमर ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ विरासत अभियान चलाया जा रहा है।

पतंग उत्सव इसी का एक कार्यक्रम है जिसके माध्यम से लोगों को सूखे और गीले को अलग अलग डस्टबिन में रखने के लिए जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है, इसीलिए नीले और हरे दो रंग की पतंगें उडायी जा रही हैं। इन दो रंगों की पतंगों को आसमान में देख लोग यह समझने का प्रयास करें कि उन्हें अपने घर के गीले और सूखे कूड़े को भी इन पतंगों के जैसे अलग अलग रखना है। यह कूड़ा अलग अलग करके ही डोर टू डोर कूड़ा सेवा प्रदाताओं को दें।

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