जस्टिस राजशेखर मंथा मुद्दे पर भड़के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में इन दिनों न्यायपालिका को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कोर्ट के बाहर नारेबाजी, हंगामा और जजों को कोर्ट रूम में न जाने देने जैसी घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने फैसलों और टिप्पणियों को लेकर पूरे 2022 के दौरान सुर्खियां बटोरने वाले न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि राज्य में न्यायपालिका को आतंकित करने की कोशिश की जा रही है। वहीं कोर्ट के बाहर जज के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही भी की गई है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की अदालत के बाहर लगातार हंगामे हो रहे हैं। वकीलों के एक वर्ग ने जजों को अदालत में प्रवेश नहीं करने दिया। उन्हें रोकने की शिकायतों और घटनाक्रम पर अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने यह भी कहा कि हाल के घटनाक्रम हाईकोर्ट के इतिहास में अभूतपूर्व प्रकार के हैं।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अदालत के बाहर मीडियाकर्मियों से कहा, मैं पिछले पांच वर्षो से कलकत्ता में न्यायाधीश के रूप में काम कर रहा हूं। इससे पहले, मैंने इसी अदालत में वकील के रूप में काम भी किया, लेकिन मैंने पहले कभी ऐसी चीजें नहीं देखीं। यह स्पष्ट रूप से राज्य में न्यायपालिका को आतंकित करने का प्रयास है।

हालांकि, उन्होंने हंगामे के लिए किसी खास राजनीतिक दल का नाम लेने से इनकार किया। उन्होंने सोमवार सुबह दक्षिण कोलकाता में न्यायमूर्ति मंथा के आवास के पास उनकी निंदा करने वाले पोस्टर बरामद होने की घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

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