कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता में जी-20 बैठक में भाग लिया। इस दौरान सीएम ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने विकास को एक मानवीय चेहरा देकर सही वित्तीय समावेशन का रास्ता दिखाया है। सीएम ममता ने अपने दावों की पुष्टि में 500 से 1,000 रुपये तक की मासिक अनुदान योजना ‘लोख्खी भंडार’ का भी जिक्र किया। सीएम ममता ने कहा कि इस योजना से महिलाएं, विशेष रूप से पिछड़े अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लोगों को लाभ हुआ है।
हमारी सरकार के पास ऐसी कई कल्याणकारी योजनाएं हैं। राज्य सरकार अपनी विकास योजनाओं को लोगों के दरवाजों तक पहुंचा चुकी है। सीएम ममता ने यह भी कहा कि लोगों के विकास के बिना सही वित्तीय समावेशन और विकास मॉडल कभी हासिल नहीं किया जा सकता है। इसलिए, हमें एकजुट होकर काम करना होगा। हमारे देश में बहुदलीय लोकतंत्र है। केंद्र सरकार एक अलग राजनीतिक दल द्वारा चलाई जाती है।
जबकि पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार एक अलग राजनीतिक दल द्वारा चलाई जाती है। लेकिन हमें मानव विकास के प्रति एकजुट ²ष्टिकोण अपनाना चाहिए। इस दौरान सीएम ममता ने बंगाल में पिछली वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ तीखा हमला किया। सीएम ममता ने कहा, जब हम राज्य में सत्ता में आए, तो हमने आर्थिक मामलों सहित हर क्षेत्र में ठहराव की स्थिति देखी। पिछली सरकार में विकास कार्य पूरी तरह चरमरा गया था।
हमने वहां काम किया और तब से लगातार प्रगति की है। सीएम ममता ने यह भी कहा कि वह लोगों के बीच विभाजन में विश्वास नहीं करती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय मंदी के बावजूद, पश्चिम बंगाल सरकार सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में चार प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने में सक्षम रही है।
सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि जी-20 बैठक जैसा अंतरराष्ट्रीय मंच उनके अपने राजनीतिक विचारों को प्रसारित करने का सही मंच नहीं था। कम से कम हमने ऐसा कभी नहीं किया होता। पहली ‘वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक भागीदारी’ सोमवार को कोलकाता में शुरू हुई। तीन दिवसीय कार्यक्रम डिजिटल मार्केटिंग समावेशन और एसएमई वित्त उपलब्धता सहित अन्य पर केंद्रित होगा। इसमें विभिन्न देशों के 12 अंतर्राष्ट्रीय वक्ता भाग लेंगे।