कोलकाता। आने वाला साल पश्चिम बंगाल के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। माना जा रहा है कि 2023 में होने वाला त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव के पर से पर्दा उठा देगा। भाजपा के लिए ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव राज्य में अपनी प्रमुख विपक्षी स्थिति को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हालांकि राज्य में हाल ही में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के पुनरुत्थान को देखते हुए भगवा खेमे के लिए चीजें इतनी आसान नहीं होंगी।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मेदिनीपुर से लोकसभा सांसद पंचायत चुनाव में अपनी पार्टी की रणनीति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, आदर्श रूप से पंचायत चुनाव केंद्रीय सशस्त्र बलों के सुरक्षा कवर के तहत आयोजित किए जाने चाहिए लेकिन पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग, जो राज्य सरकार या सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की एक विस्तारित शाखा मात्र है, इस पर सहमत नहीं होगा। इसलिए कम से कम मतदान और मतगणना के दिनों में केंद्रीय सशस्त्र बलों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के हमारा प्रयास जारी रहेगा।
लेकिन हम केवल उसी पर निर्भर नहीं रहेंगे। इसलिए हमने इस बार लोगों को एकजुट करने और उन्हें सत्ताधारी पार्टी के गुंडों द्वारा हिंसा के प्रयासों का विरोध करने के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। हमारे कार्यकर्ता हिंसा का विरोध करेंगे। जब मैं लोगों द्वारा संयुक्त विरोध की बात करता हूं, तो उन सभी लोगों का आह्वान है, जो पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के गुंडों के हमले का विरोध करना चाहते हैं। तो आपको ऐसा क्यों लगता है कि कॉल केवल गैर-तृणमूल समर्थकों के लिए है?
पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में तृणमूल कांग्रेस के कमजोर समर्थकों को भी अपनी ही पार्टी के लोगों से अपमानित होना पड़ता है। लोगों की एकता का मेरा आह्वान उनके लिए भी है। हम राज्य में पूरी पंचायत प्रणाली के कामकाज में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएंगे। जैसा कि आप देख सकते हैं, मीडिया हर रोज रिपोर्ट कर रहा है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं, विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यान्वयन में किस प्रकार का भ्रष्टाचार हुआ है।
या तो पैसा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की जेब में चला गया है या केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। पहले से ही आलीशान हवेलियों के मालिक लोगों ने आवास योजना में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। राज्य में भ्रष्टाचार के कारण केंद्र सरकार को अक्सर इन योजनाओं के तहत भुगतान रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसे मामलों को लेकर लोगों की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। इसलिए, हमारा काम लोगों को यह विश्वास दिलाना होगा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं को लागू करते समय पंचायत प्रणाली में भाजपा द्वारा संचालित स्तर इस तरह का भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे।