रॉयल अकादमी के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए शतरंज के ग्रैंडमास्टर दिव्येंदु बरुआ

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । दिवंगत समाजसेवी डॉ. रजनीकांत दलोई द्वारा स्थापित रॉयल एकेडमी ऑफ मेदिनीपुर का दो दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक और पुरस्कार वितरण समारोह मेदिनीपुर के शहीद प्रद्युत मेमोरियल हॉल में आयोजित किया गया। छात्रों ने नृत्य, गीत और नाटक में भाग लिया। विश्व प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी व अर्जुन पुरस्कार प्राप्त दिब्येंदु बरुआ समारोह के प्रमुख आकर्षण के रूप में उपस्थित थे। गुरुवार की सुबह 9 बजे मेदिनीपुर रामकृष्ण मठ व रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी अमर्त्यानंद महाराज ने महोत्सव का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में प्राचार्य सत्यब्रत दलोई ने सभी का स्वागत किया। विद्यासागर विश्वविद्यालय के कुलपति शिवाजी प्रतिम बोस मुख्य अतिथि थे।

गडबेत्ता कॉलेज के प्राचार्य हरिप्रसाद सरकार, एमएनएम मेमोरियल हाई स्कूल की प्रधानाध्यापिका मोनालिसा सेन पाल, लेखक शिशिर चक्रवर्ती, रॉयल अकादमी की सचिव भक्ति दलोई, प्रधानाचार्य सत्यब्रत दलोई और अन्य विशिष्ट अतिथि के रूप में थे। दूसरे दिन (23 दिसंबर 2022) शतरंज ग्रैंडमास्टर और अर्जुन अवार्डी शतरंज खिलाड़ी दिब्येंदु बरुआ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सब्यसाची समाचार पत्र के संपादक निशित कुमार दास, ज्वलदारची समाचार पत्र के संपादक ऋत्विक त्रिपाठी आदि भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

प्राचार्य सत्यव्रत दोलाई ने कहा, “हमारे छात्र नियमित रूप से माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक में अच्छे परिणाम प्राप्त कर अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा, सांस्कृतिक और रचनात्मकता में कोई पिछड़ापन नहीं है। हम छात्रों को प्रेरित करने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में सफल लोगों को आमंत्रित करते हैं। इस बार शतरंज के खिलाड़ी दिब्येंदु बरुआ ने हमारे आमंत्रण को स्वीकार किया है। हमें इसका गर्व है।”

ग्रैंडमास्टर दिब्येंदु बरुआ ने 1978 में 12 साल की उम्र में भारतीय राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में सबसे कम उम्र के प्रतिभागी के रूप में भाग लिया था। 1982 में बरुआ ने लंदन में तत्कालीन विश्व नंबर दो ग्रैंडमास्टर, दिवंगत विक्टर कोर्सनॉय को हराया। उन्होंने 1983 में पहली बार नेशनल चैंपियनशिप जीती थी। फाइड ने 1991 में बरुआ को ग्रैंडमास्टर की उपाधि से सम्मानित किया था। 1983 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त किया। कक्षा परीक्षा में अव्वल रहने वाले छात्र-छात्राओं को अतिथियों ने पुरस्कार प्रदान किए। छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गीत, नाटक आदि का मंचन कर समां बांध दिया।

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